बरसात के मौसम में नगर क्षेत्र में फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का बढ़ा प्रकोप
एक तरफ लोग डेंगू से भयभीत हैं, वहीं दूसरी तरफ मौसम में परिवर्तन के बाद मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है.
अरवल.
एक तरफ लोग डेंगू से भयभीत हैं, वहीं दूसरी तरफ मौसम में परिवर्तन के बाद मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. इससे शहर के हरेक लोग परेशान हैं. मच्छरों से होने वाली रोगों से निबटने के लिए नगर परिषद उदासीन है. नगर परिषद की ओर से फॉगिग नहीं करायी जा रही है. शहर में मच्छरों का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि सुबह से रात तक मच्छरों का आतंक जारी रहता है. नगर परिषद की फॉगिग मशीन पड़ी है, जिसके बावजूद शहर में दवा का छिड़काव नहीं हो पा रहा है. इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है. लोग मच्छरों के आतंक से परेशान हैं. शहर में बढ़ती गंदगी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है. शहर को स्वच्छ रखने में अक्षम साबित हो रही नगर परिषद प्रशासन मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से भी पूरी तरह उदासीन बना है. मच्छरों के प्रकोप से बचाव के उपायों में नगर परिषद प्रशासन द्वारा फॉगिग मशीन का इस्तेमाल पहेली बन गयी है. नगर परिषद क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी के कारण शहर के लोगों का मच्छर खून चूस रहे हैं. सफाई पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च के बाद भी गंदगी का ही आलम है. शहरवासी मच्छर के प्रकोप से बचने के लिए मच्छरनाशक क्वायल, बिजली से चलने वाली मच्छरनाशक उपकरण का सहारा ले रहे हैं. इस पर शहरवासियों का प्रतिदिन सैकड़ों रुपए खर्च करना पड़ रहा है. नगर परिषद का फॉगिग मशीन का नियमित रूप से प्रयोग नहीं किया जा रहा है. चिकित्सकों ने बताया कि मच्छर जनित रोगों में मलेरिया, कालाजार, डेंगू जैसे रोगों का खतरा बना रहता है. डेंगू के लक्षण में बदन दर्द के साथ बुखार, बेहोशी, ठंडा लगने के साथ बुखार आना है. ऐसे में तुरंत चिकित्सक से उचित सलाह लिया जाना चाहिए. घरों के अलावा आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखने तथा मच्छरों को पनपने वाले स्थान की साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.खुली नाली में पनप रहे मच्छर :
शहरी क्षेत्र में नाला निर्माण कार्य के दौरान बना गड्ढ़ा मच्छरों के प्रकोप को बढ़ा रहा है. शहर में जगह-जगह नाला को नहीं ढकने से मच्छरों को पनपने का स्थल बन गया है. शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 33 पर नाला का निर्माण हो रहा है. प्रखंड के पास भीड़ भाड़ वाले जगह पर एक वर्ष से गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है. जिसमें ब्लिचिंग पाउडर का भी छिड़काव नहीं होता है. वहीं बरसात का मौसम चल रहा है जिसके कारण कई मुहल्लों में बरसात का पानी का जमाव है. जहां पर मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. शहरवासी मच्छर के प्रकोप बचने के लिए मच्छरनाशक क्वायल, बिजली से चलने वाली मच्छरनाशक उपकरण का सहारा ले रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. बढ़ रहे मच्छरों के प्रकोप पर काबू के लिए फॉगिग मशीन का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. नगर परिषद प्रशासन को मच्छरों के प्रकोप से निजात दिलाने के लिए फॉगिग मशीन के प्रयोग शुरू कराया जाना चाहिए. ताकि मच्छरों के प्रकोप से निजात मिल सके.डेंगू और मलेरिया का हो सकता है खतरा :
सदर अस्पताल के उपाधिक्षक डॉ रमन आर्यभट्ट ने बताया कि वर्तमान समय में हालत बहुत नाजुक है. सभी को सजगता के साथ रहना है. मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है.इससे डेंगू मलेरिया का खतरा हो सकता है. उन्होंने बताया कि शहर में बढ़ते मच्छरों के प्रकोप से बीमारी बढ़ सकती है. दवा का नियमित छिड़काव जरूरी है. घरों और आसपास में सफाई बहुत जरूरी है. क्या कहते हैं अधिकारीअभी आयुष्मान भारत कार्ड बनाने में लगे हुए हैं. दो दिनों के बाद क्षेत्र में फॉगिंग कराया जयेगा.
जितेंद्र यादव, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, अरवलडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है