बिहार में भूमि सर्वे अभियान नहीं, गरीब उजाड़ो अभियान चल रहा : दीपंकर
हक दो-वादा निभाओ केंद्र व राज्य सरकार पूरा करे. बिहार में भूमि सर्वे के नाम पर गरीबों को जमीन से बेदखल करने को कॉरपोरेट घरानों को जमीन सूपुर्द करने की साजिश बंद करें.
जहानाबाद सदर. हक दो-वादा निभाओ केंद्र व राज्य सरकार पूरा करे. बिहार में भूमि सर्वे के नाम पर गरीबों को जमीन से बेदखल करने को कॉरपोरेट घरानों को जमीन सूपुर्द करने की साजिश बंद करें. एक देश-एक चुनाव गोलवलकर के सोच को देश पर थोपने की साजिश बंद करे. उक्त बातें संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाकपा माले महासचिव कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने कही. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने कहा था कि 2022 तक देश के 3 करोड़ लोगों को पक्का मकान देंगे जो आवासविहीन परिवार बचे हुए हैं परंतु अभी तक यह योजना बंद है. बिहार सरकार ने बिहार में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराकर कहा बिहार में 94 लाख परिवार यानी 35 प्रतिशत आबादी जिसकी वार्षिक का 72 हजार से कम है उन्हें रोजगार के लिए दो लाख रुपये देंगे. इसमें भी उनके स्वरोजगार गाय, भैंस, मुर्गी, बकरी, भेड़ पालन को हटा दिया है. पूरे बिहार में एक वर्ष में मात्र 40 हजार लोगों को ही राशि मिली है. प्रखंड व जिला मुख्यालय में 24 सितंबर को प्रदर्शन है. बिहार में बगैर पूर्व तैयारी के भूमि सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है. जो गरीब जिस जमीन पर बसे हुए हैं उसका पर्चा दे बिहार में यह भूमि सर्वे अभियान नहीं यह गरीब उजाड़ो अभियान चल रहा है. गरीब के घरों पर बुलडोजर चलाये जा रहा हैं. गरीब व किसान पूरी तरह तबाह है. किसानों के अंदर जमीन को लेकर असुरक्षा का माहौल है. संवाददाता सम्मेलन मे भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य अमर, जिला सचिव रामाधार सिंह, घोसी विधायक रामबली सिंह यादव, राज्य कमेटी सदस्य श्रीनिवास शर्मा व माले नेत्री कुन्ती देवी आदि प्रमुख नेता थे.
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