दो लाख का इनामी कुख्यात पप्पू शर्मा गिरफ्तार

बुधवार की रात जिले की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने वर्षों से फरार चल रहे परसबिगहा थाना क्षेत्र के सेंधवा गांव निवासी कुख्यात अमिताभ रंजन उर्फ पप्पू शर्मा को पत्नी, बेटी एवं शागिर्दों के साथ गिरफ्तार कर लिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 6, 2024 10:10 PM
an image

जहानाबाद.

बुधवार की रात जिले की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने वर्षों से फरार चल रहे परसबिगहा थाना क्षेत्र के सेंधवा गांव निवासी कुख्यात अमिताभ रंजन उर्फ पप्पू शर्मा को पत्नी, बेटी एवं शागिर्दों के साथ गिरफ्तार कर लिया है. करीब 10 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन में पप्पू के घर से पुलिस को आग्नेयास्त्र के साथ कई आपत्तिजनक सामान भी दिखायी दी है जिस पर पुलिस गंभीरता से गौर करते हुए आगे की कार्रवाई में जुटी है. छापेमारी के दौरान पुलिस ने घर के अंदर बने तहखाने से पप्पू शर्मा एवं छिपाये गये आग्नेयास्त्र को बरामद किया है. बरामद हथियारों में एक कट्टा, 56 जिंदा कारतूस, एक खोखा, एक रेगूलर राइफल, एक वॉकी-टॉकी, दो चार्जर, एक लैपटॉप एवं अलग-अलग कंपनी के तीन मोबाइल के साथ मृत्यु के जाली प्रमाण पत्र पुलिस ने बरामद किया है. एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने दो लाख के इनामी कुख्यात पप्पू, उसकी पत्नी मिंटू रंजन, बेटी दीपा रंजन के अलावे घर में सामान पहुंचाने एवं आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने वाले सुजौला गांव के रहने वाले जितेंद्र शर्मा के पुत्र नंदन कुमार, परमानंद शर्मा के पुत्र राकेश कुमार एवं परशुराम शर्मा के पुत्र अमन कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एसपी ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कई कांडों के वांछित एवं दो लाख के इनामी अपराधी पप्पू अपने सहयोगियों के साथ अपने गांव सेंधवा छिपा हुआ है. सूचना के आलोक में पुलिस अधीक्षक के द्वारा डीएसपी राजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में जहानाबाद जिला बल एवं एसटीएफ के अलावे नगर थाने व परसबिगहा थाने की पुलिस द्वारा संयुक्त टीम गठित कर छापेमारी करायी गयी जिसमें पुलिस ने उसके पैतृक घर सेंधवा से परिवार के सदस्यों एवं सहयोगियों के साथ धर दबोचा है. एसपी ने बताया कि छापेमारी के क्रम में पप्पू शर्मा एवं उसके परिवार के सदस्यों एवं सहयोगियों द्वारा हथियार से हमला भी किया गया, लेकिन पुलिस बल ने तत्परता दिखाते हुए सूझ-बूझ से वांछित अपराधी को शागिर्दों के साथ गिरफ्तार कर लिया. एसपी ने बताया है कि पूछताछ के दौरान मिले निशानदेही के आधार पर उसके घर से हथियार, गोली एवं अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किया गया है.

चार वर्षों से अपने को घोषित कर रखा था मृत :

एसपी ने बताया है कि पुलिस को गुमराह करने एवं पकड़े जाने की डर से कुख्यात पप्पू पिछले चार वर्षों से अपने को मृत घोषित कर रखा था और इसके लिए उन्होंने फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनाकर रखी थी. मृत्यु प्रमाण पत्र पटना से बनवाया गया था जो कोविड काल का बताया जाता है. एसपी ने यह भी बताया है कि न्यायिक प्रक्रिया में फायदा उठाने के लिए पत्नी एवं सहयोगियों के माध्यम से जाली सर्टिफिकेट का प्रयोग करते थे. बिहार के अलावे झारखंड के कई जिलों में इसका आतंक व्याप्त था. फिलहाल पप्पू की गिरफ्तारी फरार चल रहे परसबिगहा थाना में दर्ज तीन कांडों में हुई है.

कुख्यात पर कुल आठ मामले हैं दर्ज :

गिरफ्तार पप्पू पर पूर्व से कुल आठ आपराधिक मामले दर्ज हैं जिसमें हत्या, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट, लूट, ठगी, एनआइ एक्ट जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं. अकेले परसबिगहा थाने में कुल सात आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि जहानाबाद नगर थाने में एक मामला दर्ज है. वहीं झारखंड से भी पुलिस आपराधिक इतिहास का पता करने में जुटी है. एसपी ने बताया है कि कई लोगों से लाखों रुपये ठगी कर एशो-आराम का सामान घर में रखा हुआ था. उन्होंने बताया है कि वांछित अपराधी फिल्मी अंदाज में घर में रहा करता था जो पुलिस की भनक पाते ही तहखाने में छिप जाता था. 10 घंटे के चले सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस को सफलता हाथ लगी है. एसपी ने बताया कि घर में सीसीटीवी एवं वॉकी-टॉकी का प्रयोग अपने को तहखाने के अंदर छिपने के लिए घर के सदस्य करते थे.

पुलिस पदाधिकारी को किया जायेगा पुरस्कृत :

एसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान फिलहाल फरार होने के बाद नेपाल के कठमांडू, कोलकाता समेत विभिन्न जगहों पर छिपे रहने की बात सामने आयी है लेकिन इस बिंदु का कोई प्रमाण हासिल नहीं हुआ है. उन्होंने बताया है कि कुख्यात को गिरफ्तार करने में लगे एसडीपीओ राजीव कुमार सिंह, एसटीएफ के अलावे जिले के डीआइओ प्रभारी परमानंद सिंह, सदर इंस्पेक्टर, नगर थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार विश्वकर्मा, परसबिगहा थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार को बेहतर कार्य करने के लिए शुभकामना दी है. उन्होंने पीठ थपथपाते हुए कहा है कि आशा है कि भविष्य में इसी तरह कार्य करते रहेंगे.

आतंक का पर्याय रहा है पप्पू :

बीते वर्षों में जिले में आतंक का पर्याय रहा है. पप्पू शर्मा जो कई लोगों से अपनी दुश्मनी ले रखी थी. बीते कुछ वर्ष पूर्व गांव में ही हुए विवाद में सीआरपीएफ के एक जवान ने पप्पू शर्मा को गोली मार दी थी जिसके बाद से वह काफी दिनों से लापता रहा तथा अपने को मृत घोषित करने का भी नाटक किया. पूर्व में माले नेता उपाध्याय यादव के साथ भी काफी दिनों तक गैंगवार को लेकर अदावत चली थी जिसमें दोनों एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गये थे और माले नेता उपाध्याय यादव पर जहानाबाद में गोलीबारी करवाने का आरोप भी पप्पू पर लगा था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version