जहानाबाद.
जिले के ओकरी ओपी के थानाध्यक्ष नीरज कुमार को तीन दिन पूर्व लाइन हाजिर कर दिया गया है. उक्त कार्रवाई एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने जुवेनाइल बोर्ड से जुड़े एक मामले में की है. दरअसल मामला ओकरी ओपी एवं घोसी थाना क्षेत्र से जुड़ा है. ओकरी ओपी के एक मामले में जुवेनाइल कोर्ट ने संदेह के आधार पर एसपी को मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था. मामला एसपी के संज्ञान में आने पर अगस्त माह में ही कांड से जुड़े अनुसंधानकर्ता को निलंबित कर दिया गया था.
पूरे मामले के जांच का जिम्मा घोसी एसडीपीओ संजीव कुमार को दिया गया है. फिलहाल मामले की जांच प्रभावित न हो, इस उद्देश्य से पुलिस पदाधिकारी ने तत्कालीन थानाध्यक्ष नीरज कुमार को कांड का अनुसंधान का अवलोकन सही ढंग से नहीं करने एवं लापरवाह बने रहने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया है. घोसी एसडीपीओ संजीव कुमार 2 ने बताया है कि पर यह पदाधिकारी से मिले निर्देश के बाद जुवेनाइल बोर्ड से जुड़े कोर्ट के एक मामले में उम्र सत्यापन को लेकर थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया गया है. फिलहाल प्रशिक्षु डीएसपी ओमप्रकाश पांडेय को ओकरी ओपी का प्रभार मिला हुआ है. बताया जाता है कि नीरज कुमार के थानाध्यक्ष के पद से हटाने के बाद पदाधिकारी अभिषेक कुमार को उनके जगह प्रतिनियुक्ति किया गया है. बताते चलें कि घोसी थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले किशोर जो कई मामलों का वांछित बताया जाता है जिस पर चोरी, लूट, गोलीबारी जैसे ओकरी एवं घोसी थाने में कई मामले दर्ज हैं. दर्ज आपराधिक मामलों में से पुलिस ने किशोर को बालिक मानते हुए संबंधित थाने में पूर्व में आपराधिक मामले दर्ज किया था लेकिन मामला उस समय फंस गया जब कांड के अनुसंधानकर्ता ने किशोर को नाबालिग करार देते हुए उसे जुवेनाइल बोर्ड में पेश कर दिया. जुवेनाइल बोर्ड में मामला पहुंचने के बाद न्यायालय के न्यायाधीश ने पाया कि कांड दर्ज करते समय पुलिस किशोर को बालिग करार करते हुए मामला दर्ज किया है. जबकि अनुसंधानकर्ता किशोर को नाबालिग बताते हुए जुवेनाइल बोर्ड कोर्ट में पेश किया. जुवेनाइल बोर्ड ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था. इसके बाद संबंधित पदाधिकारी को मिले मामले की जांच की जद में पहले कांड के अनुसंधानकर्ता आये और उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई. जबकि हाल फिलहाल के दिनों में उम्र सत्यापन को लेकर लापरवाह बने रहने के आरोप में तत्कालीन थानाध्यक्ष नीरज कुमार को लाइन हाजिर किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी की मानें तो जिस समय प्राथमिक की दर्ज की गई थी. उस समय किशोर के स्कूल में हुए एडमिशन के आधार पर उम्र का सत्यापन किया गया था जिसमें किशोर का 18 वर्ष से अधिक उम्र पाया गया था. इसके बाद किशोर को बालिग मानते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी लेकिन बाद में जुवेनाइल बोर्ड में मामला फसाने के बाद कोर्ट ने लड़के की उम्र सत्यापन का निर्देश दिया जिसमें मेडिकल बोर्ड ने किशोर का उम्र 17 से 18 वर्ष के बीच बताया. ऐसे में जुवेनाइल बोर्डकोर्ट ने पुलिस से पूछा कि नाबालिक किशोर को किस आधार पर रात में हाजत में रखा एवं कौन से नियम के तहत किशोर को हथकड़ी लगाया गया. पुलिस के अधिकारी के माने तो किशोर पर बाइक चोरी, टेंपो लूट, गोलीबारी जैसे कई मामले दर्ज हैं और लूट के मामले में पुलिस उसे खोज रही थी. हाल फिलहाल में घोसी थाना क्षेत्र के चुनुकपुर गांव में हुई गोलीबारी में भी उक्त लड़के का नाम सामने आया है. सूत्र बताते हैं कि जिस आधार कार्ड के आधार पर नाबालिक होने का दावा किया जा रहा है. वह फर्जी है, किशोर ने जो बैंक में दस्तावेज प्रस्तुत किया है, वह 18 वर्ष से ऊपर का उम्र का दावा कर रहा है. एक पदाधिकारी की मानें तो मेडिकल बोर्ड ने जिस किशोर को नाबालिक करार दिया है एवं जिस अस्पताल से एक्स-रे रिपोर्ट सौंपा गया है, वहां पर कई महीनों से रेडियोलॉजिस्ट नहीं है और प्रस्तुत किए गए रिपोर्ट में तकनीकी खामियां आ सकती हैं. फिलहाल यह जांच का विषय है लेकिन मामले की जांच में फिलहाल कांड से जुड़े दो पदाधिकारी कार्रवाई के जद में आ चुके हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है