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जिले के चर्चित फिरोज हत्याकांड में एक गिरफ्तार

जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता व ईदगाह कमेटी के सदस्य फिरोज हत्याकांड के मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 12, 2024 11:06 PM

जहानाबाद.

जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता व ईदगाह कमेटी के सदस्य फिरोज हत्याकांड के मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार युवक नगर थाना क्षेत्र के मलहचक का रहने वाला चाय विक्रेता सूरजदेव गुप्ता का पुत्र ओमप्रकाश कुमार बताया जाता है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. युवक की गिरफ्तारी की पुष्टि नगर थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार विश्वकर्मा ने किया है. उन्होंने बताया है कि हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में युवक की संदिग्ध हरकत देखी गयी. इसके बाद पुलिस खोजबीन में जुटी थी लेकिन वह काफी दिनों से शहर छोड़ कर भागा हुआ था. थानाध्यक्ष ने बताया कि युवक की गिरफ्तारी हत्याकांड में चश्मदीद गवाह अमन कुमार की पहचान के आधार पर की गयी है.

पिछले एक वर्ष में 18 से अधिक बदल चुका है मोबाइल : पुलिस ने बताया कि हत्याकांड के बाद गिरफ्तार युवक पिछले एक वर्ष में डेढ़ दर्जन से अधिक मोबाइल का उपयोग कर चुका है. हत्याकांड के बाद एक महीने भी एक मोबाइल का उपयोग नहीं करता था और 20 दिन के बाद ही वह दूसरा मोबाइल बदल लेता था, ताकि किसी को शक न हो और पुलिस दिग्भ्रमित होती रहे. फिलहाल पुलिस की गिरफ्तारी की डर से लुधियाना में शरण ले रखा था.

वहीं पुलिस ने बताया कि हत्या के बाद जांच में जुटी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध हरकत दिखा है, जो हत्या के समय बाइक के पीछे-पीछे जा रहा था. सीडीआर में भी गिरफ्तार युवक के नंबर का उपयोग किये जाने की बात सामने आई है. हालांकि हत्याकांड के पूर्व गिरफ्तार युवक का आपराधिक इतिहास नहीं है.

पत्नी के बयान पर अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुई थी प्राथमिकी : 11 मई की रात सरेराह पटना-गया रोड पर शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके में बाइक सवार अपराधियों ने चलती बाइक पर ईदगाह कमेटी के सदस्य को गोली मार कर मौत की नींद सुला दी थी और अपराधी आसानी से फरार हो गये थे, जिसके बाद पत्नी बहिदा खातून के बयान पर अज्ञात के खिलाफ थाने में कांड सं 444/23 दर्ज किया गया था. सबसे अहम बात यह है कि बाइक चला रहे फिरोज को गोली लगने की जानकारी पीछे बैठे गड़ेरियाखंड के शफी खान को भी कुछ देर के लिए नहीं हुई. उन्हें सच्चाई का पता तब चला जब वह बाइक लेकर सड़क पर गिर पड़े और स्थानीय लोगों के सहयोग से उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाने की कोशिश की जा रही थी.

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