बढ़ रहे वायु प्रदूषण से लोग हो रहे बीमार
ठंड के साथ ही जिले के प्रदूषण के स्तर में भी भारी बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. इस मौसम में जिले का एक्यूआइ स्तर पहली बार 200 के पार चला गया है. मंगलवार को जहानाबाद जिले का एक्यूआइ स्तर 204 रिकॉर्ड किया गया है. इससे पहले पिछले 19 नवंबर को जिले का एक्यूआइ स्तर 199 रिकॉर्ड किया गया था.
जहानाबाद. ठंड के साथ ही जिले के प्रदूषण के स्तर में भी भारी बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. इस मौसम में जिले का एक्यूआइ स्तर पहली बार 200 के पार चला गया है. मंगलवार को जहानाबाद जिले का एक्यूआइ स्तर 204 रिकॉर्ड किया गया है. इससे पहले पिछले 19 नवंबर को जिले का एक्यूआइ स्तर 199 रिकॉर्ड किया गया था. एक्यूआइ वह पैमाना है जिससे हवा में प्रदूषण के स्तर को नापा जाता है. प्रदूषण के बढ़ने से जिले के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. जिले में दिन प्रतिदिन ठंड बढ़ रही है. इसके साथ ही सुबह में कोहरा और धुंध छाया रहता है. कहीं बदली छाई रहती है तो कभी हल्की धूप नजर आती है. इसी कोहरे और धुंध में प्रदूषण के कण अटक जाते हैं. जिले में ठंड सताने लगी है जिससे सुबह में कभी हल्की तो कभी गहरी धुंध छाई रहती है. जिले में कई दिनों से अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री के आस पास रिकॉर्ड किया जा रहा था. मंगलवार को अधिकतम तापमान में तो गिरावट दर्ज नहीं की गयी लेकिन न्यूनतम तापमान 16 डिग्री से गिरकर 11 डिग्री सेंटीग्रेड पर आ गया. आज भी सुबह में धुंध छाई हुई थी. प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर : शहर में प्रदूषण का स्तर मंगलवार को 204 एक्यूआइ नापा गया. यह प्रदूषण का यह काफी हानिकारक स्तर को दर्शा रहा है. एक्यूआइ हवा में प्रदूषण नापने की एक इकाई है जिससे पता चलता है कि वातावरण में कितने जहरीली गैस या प्रदूषण के कण तैर रहे हैं जो मानव शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. 0 से 50 एक्यूआइ वाली हवा बेहतर और सांस लेने योग्य मानी जाती है. 50 से 100 एक्यूआइ वही हवा को संतोषजनक मानी जाती है. जबकि इससे उच्च स्तर वाली हवा प्रदूषित मानी जाती है. जहानाबाद शहर में सामान्य दिनों में प्रदूषण का यह एक्यूआइ स्तर 125 के आसपास रहता है किंतु ठंड बढ़ने के साथ ही इसका लेवल 200 के पार पहुंच गया है. ठंड के मौसम में प्रदूषण सुबह शाम अधिक होता है. जबकि आम दिनों में जहानाबाद शहर में सुबह 10 बजे के बाद प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है. कूड़े जलाने से भी बढ़ता है प्रदूषण : शहर में जगह-जगह फेंके गये कूड़े में आग लगाने से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. शहर के दरधा नदी के अलावा एनएच-83 और एनएच 110 के किनारे विभिन्न जगहों पर जगह-जगह कूड़े फेंके गए हैं. इनमे बड़ी मात्रा पॉलिथीन और प्लास्टिक के कचरे की होती है जिनमें अक्सर लोग आग लगा देते हैं. शहर के एनएच 110 पर भागीरथबिगहा के निकट शहर से निकलने वाले कूड़े का डंप किया गया था. लोगों के विरोध के बाद कूड़े की डंपिंग तो बंद हो गयी किंतु उसे अभी तक नहीं हटाया गया है. हर जगह जमा कूड़े में लोग अक्सर आग लगा देते हैं, उससे भी जहरीली धुंआ निकलती रहती है और हवा में जहरीली गैसें फैलती हैं. इन सब कारणों से हवा का एक्यूआइ स्तर बढ़ जाता है. कंपनियों के द्वारा उत्सर्जित गैस और कचरे से भी प्रदूषण फैलने में मदद मिलती है. पराली जलाने से भी वातावरण में प्रदूषण का फैलाव होता है. खेतों में पराली जलाने से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है.
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