Jahanabad News : दरधा नदी से नहीं हटाया जा रहा कूड़े का अंबार
शहर से गुजरने वाली दरधा और जमुना नदी जगह-जगह कूड़े से पटी है. जहानाबाद शहरी क्षेत्र में नदी के किनारे बसे मुहल्ले के आस पास जगह-जगह वर्षों से कूड़े का अंबार लगा है. पहले पूरे नगर परिषद क्षेत्र से निकलने वाला कूड़ा नदी में ही फेंका जाता था.
जहानाबाद. शहर से गुजरने वाली दरधा और जमुना नदी जगह-जगह कूड़े से पटी है. जहानाबाद शहरी क्षेत्र में नदी के किनारे बसे मुहल्ले के आस पास जगह-जगह वर्षों से कूड़े का अंबार लगा है. पहले पूरे नगर परिषद क्षेत्र से निकलने वाला कूड़ा नदी में ही फेंका जाता था. मुहल्लों के लोग अब भी कूड़ा नदी में ही फेंक देते हैं. इसके अलावा नदी किनारे के मुहल्लों में सफाईकर्मी भी नाली की गंदगी और कूड़ा-कचरा पास की नदी में ही डाल देते हैं, जिसके कारण शहर से गुजरने वाली दरधा नदी में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा है. कूड़े का यह अंबार खासकर नदी किनारे बसे मुहल्लों के निकट ही ज्यादा नजर आता है.
फरवरी में एक-दो जगह से हटाया गया था कूड़ा
इस वर्ष फरवरी के महीने में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम ने जहानाबाद जिले का दौरा किया था. इसके आने के पहले दरधा नदी में एक-दो जगहों से नगर परिषद के द्वारा कचरा हटाया गया है, किंतु नदी के अन्य क्षेत्रों में कचरे का अंबार जस-का-तस पड़ा है. पूर्व के वर्षों में नगर परिषद क्षेत्र से निकलने वाला पूरा कूड़ा नदी में ही डंप किया जाता था. नगर परिषद के ट्रैक्टर पूरे शहर से कचरा उठाकर नदी में डाल देते थे बाद में एनजीटी के द्वारा इस पर रोक लगाये जाने के बाद ट्रैक्टर द्वारा कूड़े की डंपिंग बंद हो गयी, जिसे शहर के आसपास के इलाके में सड़क किनारे डंप किया जाने लगा, किंतु अब हाल यह है की नदी किनारे बसे मुहल्लों से निकाले जाने वाला कचरा सफाईकर्मी नदी में ही डाल देते हैं. हालांकि नगर परिषद इससे इनकार करता है. मुहल्ले के लोग भी घर से निकलने वाला कूड़ा नदी में डालते हैं. नगर परिषद में कई बार इसको लेकर सवाल उठाया गया. इसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नदी से कूड़ा हटाने का आश्वासन तो दिया गया, किंतु अभी तक इस पर अमल नहीं किया गया है. नदी में पुल के पास कूड़े के ढेर में लग चुकी है आग : पिछले चार मई को दरधा नदी पुल के निकट कूड़े में आग लग गयी थी, आग ने भयानक रूप भी अख्तियार कर लिया था. वह तो समय पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पा लिया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. यही आग अगर मुहल्लों के निकट फेंके गये कूड़े में लग गयी, तो वहां दमकल की गाड़ी भी नहीं पहुंच पायेगी और आग बुझाना मुश्किल हो जायेगा. बगैर दमकल के आग पर काबू पाना आसान नहीं है. ऐसे में कोई बड़ी घटना भी घट सकती है.प्रतिदिन कूड़ा लेने नहीं आते सफाईकर्मी
नगर परिषद यह दावा करता है हर घर में जाकर उनके सफाईकर्मी घरों से निकलने वाला कूड़ा खुद घर से लेने जाते हैं, फिर उसे लेकर विभिन्न स्थानों पर फेंका जाता है. हालांकि पहले यह कूड़ा वभना के निकट बने डंपिंग जोन में फेंका जाता था, किंतु मुहल्लावासियों के विरोध के कारण वहां पर इसे फेंकना बंद कर दिया गया है. अब शहर से निकलने वाले कूड़े को फिर से जहां-तहां खाली जगह पर फेंका जा रहा है. नगर परिषद जो दावा कर ले, किंतु हकीकत में सफाईकर्मी ज्यादातर मुहल्लों में घर- घर जाकर कूड़ा नहीं लेते हैं. जगह-जगह लोगों के द्वारा फेंके गये कूड़े को उठाकर पहले डंपिंग स्थल में फेंका जाता था. अभी इधर-उधर खाली जगह पर फेंका जाता है. कुछ वर्ष पहले सफाई कर्मियों के द्वारा घरों से कूड़ा लिया जाता था, इसके लिए नगर परिषद में लाखों रुपये खर्च कर बाल्टी की खरीद की गयी थी. बाल्टी की खरीद में बड़े घोटाले का भी आरोप लगा था. एक बाल्टी 575 रुपये में खरीदी गयी थी. बाद में यह मामला आया-गया होकर रह गया.कूड़े से निकल रही है बदबू
पूर्व के वर्षों में बरसात के दिनों में नदी में बाढ़ आती थी. पहाड़ी इलाकों में घनघोर बारिश होने और बिहार की नदियां उफनने पर उसका पानी दरधा नदी में भी आता था. बाढ़ के पानी में नदियों में फेंके जाने वाला कूड़ा-कचरा भी बह जाता था, जिससे नदी साफ हो जाती थी, किंतु पिछले कई वर्षों से नदी में उतनी बाढ़ नहीं आयी है. इस साल पानी आया किंतु इतना पानी नहीं आया कि कचरा बहा कर ले जाये, जिसके कारण नदी में फेंका गया कूड़ा अब भी पड़ा है. नदी के अड़ाड़ पर फेंके गये कूड़े को बाढ़ का पानी भी बहा कर ले जाने में असफल रहा है, जिसके कारण शहर की नदियों की समस्या जस-की-तस बनी रह गयी. वर्तमान समय में शहर से होकर गुजरने वाली दरधा और जमुना नदी नाले की तरह नजर आ रही है. इधर फेंके गये कूड़े से बदबू निकलती है. इस बदबू से नदी किनारे रहने वाले लोग परेशान हैं. बरसात के दिनों दोनों में तो कूड़े के आसपास रहने वाले घरों के लोगों को वहां रहना मुश्किल हो जाता है.
पूरे शहर के नाले का पानी गिरता है नदी में
पूरे नगर परिषद क्षेत्र में बसे मुहल्ले से निकलने वाला गंदा पानी नदी में ही गिरता है. सभी मुहल्लों की नालियां अलगना पइन से मिलायी गयी हैं. अलगना पइन को ले जाकर नदी में गिरा दिया गया है. इससे भी दरधा नदी दूषित हो रही है. शहर में बड़ी संख्या में कसाई खाने हैं, उन कसाईखानों से भी निकलने वाला बायोकचरा नदी में ही डाल दिया जाता है. शहर में न तो सीवेज सिस्टम बनाया गया है और न ही सीवेज वाटर मैनेजमेंट का कोई प्लांट लगाया गया है, जिसके कारण पूरे शहर से निकलने वाला नाले का गंदा पानी नदी में ही गिराया जाता है.
अवैध नर्सिंग होम का कचरा भी फेंका जाता है
शहर में बहुत सारे अवैध नर्सिंग होम खुले हैं जिनका बायोकचरा भी नदी में ही फेंका जाता है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बायोकचरा के निबटारे के लिए सभी क्लिनिकों को निबंधन कराने का आदेश दिया है, जहां से एजेंसी के द्वारा बायो कचरा उठाकर उसे गया शहर में ले जाकर उसका निबटारा किया जाता है किंतु बड़ी संख्या में अवैध नर्सिंग होम निबंधन कराने से बचे हुए हैं. इसके बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है. कई बार अस्पताल के आसपास भी बायोकचरा फेंका हुआ मिला है. पिछले महीनों में अवैध नर्सिंग होम पर छापे के दौरान उसके अवैध ऑपरेशन थिएटर में मानव कचरा पड़ा हुआ मिला था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है