Loading election data...

सीसीटीवी की निगरानी में बनेगी डॉक्टरों की उपस्थिति

अब सदर अस्पताल के डॉक्टरों की हाजिरी सीसीटीवी की निगरानी में होगी. इसके लिए उपस्थिति पंजी को क्लर्क के कब्जे से मुक्त कर उसे अधीक्षक के कार्यालय में रखा गया है. उपस्थिति पंजी वाली जगह पर अस्पताल के प्रबंधक को सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया है जिससे यह पता लगे कि किसी डॉक्टर ने किस समय जाकर उपस्थिति पंजी पर अपना हस्ताक्षर किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 24, 2024 10:52 PM

जहानाबाद

. अब सदर अस्पताल के डॉक्टरों की हाजिरी सीसीटीवी की निगरानी में होगी. इसके लिए उपस्थिति पंजी को क्लर्क के कब्जे से मुक्त कर उसे अधीक्षक के कार्यालय में रखा गया है. उपस्थिति पंजी वाली जगह पर अस्पताल के प्रबंधक को सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया है जिससे यह पता लगे कि किसी डॉक्टर ने किस समय जाकर उपस्थिति पंजी पर अपना हस्ताक्षर किया है. इसके लिए दो फोर्थ ग्रेड स्टाफ को नियुक्त किया गया है जो सुबह 8 बजे से दो तक और दोपहर दो से रात आठ बजे तक ड्यूटी पर मुस्तैद होंगे. उन्हीं के पास उपस्थिति पंजी रहेगी और डॉक्टर उनसे पंजी लेकर अपनी-अपनी ड्यूटी के अनुसार उसे पर अपना हस्ताक्षर बनायेंगे. इससे पहले डॉक्टरों की उपस्थिति पंजी एक खास क्लर्क के पास रखी गयी थी. वहीं घूम-घूम कर डॉक्टर से उपस्थित पंजी पर हस्ताक्षर करवाता था. इसके साथ ही सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए आगामी एक सितंबर से बायोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य कर दिया गया है.

बायोमीट्रिक मशीन में बहुत डॉक्टरों का नाम शामिल नहीं है जिसे जोड़ने को कहा गया है. शनिवार को सदर अस्पताल के नए प्रभारी अधीक्षक डॉ प्रमोद कुमार ने उक्त आदेश निकालने के बाद सिविल सर्जन देवेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में अस्पताल के चिकित्सकों के साथ एक बैठक की और उनसे अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए सहयोग मांगा. सदर अस्पताल के ज्यादातर डॉक्टर ने सहयोग देने का आश्वासन दिया है. हालांकि उनकी कुछ समस्याएं भी है जिसे दूर करने के लिए अधीक्षक ने अस्पताल के प्रबंधक को निर्देशित किया है. चिकित्सकों की समस्या है कि अस्पताल गेट से इमरजेंसी तक आने में रास्ते में काफी अंधेरा रहता है, इसके लिए प्रबंधन को लाइट लगाने का निर्देश दिया गया है. चिकित्सकों की दूसरी मांग लेबर रूम में लाइट कटने पर अचानक अंधेरा छा जाता है जिससे ऑपरेशन में दिक्कत आती है, इसके लिए प्रबंधन को जनरेटर में ऑटो स्टार्टर सिस्टम लगाने का निर्देश दिया गया है. छुट्टी पर जाने वाले डॉक्टर इससे पूर्व अपने उसी दिन उनके साथ ड्यूटी करने वाले साथी डॉक्टर से सहमति पत्र लाते थे, जिसके कारण किसी डॉक्टर के छुट्टी पर जाने पर इमरजेंसी में ड्यूटी पर केवल एक डॉक्टर रह जाते थे. नए अधीक्षक ने छुट्टी के लिए ओपीडी के चिकित्सक से सहमति पत्र लेने अथवा दिन की इमरजेंसी वाले डॉक्टर को रात की इमरजेंसी वाले डॉक्टर से सहमति पत्र लाने का निर्देश दिया है, जिससे किसी डॉक्टर के छुट्टी पर जाने के बाद भी इमरजेंसी में एक साथ दो डॉक्टरों की ड्यूटी निर्वाध रूप से चलती रहे. अब देखना यह है कि नए प्रभारी अधीक्षक का प्रयास कितना सफल हो पता है अथवा सदर अस्पताल में बैठे पुराने लोग उनके प्रयास को विफल कर देते हैं. इससे पहले भी डॉक्टर प्रमोद कुमार को सदर अस्पताल की अधीक्षक का प्रभार दिया गया था. उन्होंने ईमानदारीपूर्वक अस्पताल की व्यवस्था सुधारने का प्रयास भी किया था, किंतु चिकित्सकों और कर्मचारियों के साथ- साथ सिविल सर्जन कार्यालय के असहयोग के कारण उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version