बाल विकास परियोजना अंतर्गत दी जा रही सेवाओं व योजनाओं की समीक्षा

डीएम अलंकृता पांडेय की अध्यक्षता में जिले में बाल विकास परियोजना के तहत संचालित सेवाओं एवं योजनाओं की मासिक समीक्षा बैठक हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2024 8:11 PM

जहानाबाद नगर.

डीएम अलंकृता पांडेय की अध्यक्षता में जिले में बाल विकास परियोजना के तहत संचालित सेवाओं एवं योजनाओं की मासिक समीक्षा बैठक हुई. बैठक में डीपीओ आईसीडीएस, परियोजनास्तरीय सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिकायें उपस्थित थीं. बैठक में सर्वप्रथम विगत बैठक में दिए गए निर्देशों की समीक्षा की गयी. डीपीओ रचना द्वारा बताया गया कि अक्टूबर में उनके द्वारा 10 आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया है, अनियमितता पाये जाने के कारण केंद्रों से 3952 रूपए वसूली की गयी है. अक्तूबर माह में की गयी जांच एवं जांच के बाद अनियमित पाये जाने वाले केंद्रों से वसूली की बात करें तो सीडीपीओ के द्वारा समेकित 1033 एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं के द्वारा समेकित 226 केंद्रों की जांच की गई है, 130 केंद्रों को नियमित एवं नियामक के अनुरूप संचालन के लिए चेतावनी जारी की गयी है एवं 43223 रुपए की वसूली भी की गयी है. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों का जांच मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण सही-सही डाटा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. डीएम ने इस संबंध में कड़ा संज्ञान लिया है एवं सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं को चेतावनी दी है कि केंद्र की जांच उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए. केंद्रो में पोषाहार का वितरण, बच्चों का पठन-पाठन, टीएचआर का वितरण ससमय पर एवं सही मानक के अनुरूप किया जा रहा है कि नहीं, यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेवारी है. आगे इसमें शिथिलता पाये जाने पर दोषी महिला पर्यवेक्षिकाएं कार्रवाई के लिए तैयार रहेंगी. बैठक में पाया गया कि कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल एवं शौचालय की समस्या है, जिसके लिए डीएम ने चिंता जाहिर की. सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षकाओं को निर्देश दिया गया कि माह नवंबर के अंत तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालय का निर्माण एवं पेयजल के लिए चापाकल अथवा नल-जल का कनेक्शन निश्चित रूप से सुनिश्चित करायेंगी.विद्युत अभियंता से समन्वय स्थापित कर करायें कनेक्शन : साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर विद्युत आपूर्ति की समीक्षा की गयी, जिसमें बताया गया कि कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्मार्ट मीटर लगा दिया गया है परंतु बिजली पोल से कनेक्शन नहीं दिया गया है, जिसके कारण केंद्रों पर बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं को निर्देश दिया कि अपने-अपने क्षेत्रों के विद्युत संचरण अभियंताओं से समन्वय स्थापित कर इसे माह नवंबर तक पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे. प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना की समीक्षा में पाया गया कि जिला को इस वित्तीय वर्ष के लिए 7668 माता को लाभ दिलाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसमें अब तक 58.63 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई है. डीएम द्वारा इसमें शत प्रतिशत क्रियान्वयन का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में जिला की स्थिति सराहनीय है एवं निर्धारित लक्ष्य 3834 के विरुद्ध 3973 शिशु कन्याओं के लिए लाभ दिया गया है, उपलब्धि का प्रतिशत 103.63 है. आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार का वितरण किया जा रहा है परंतु उसी दिन डाटा का विभागीय सॉफ्टवेयर पर अपलोड नहीं किया जा रहा है, जिसके लिए खेद व्यक्त करते हुए डीएम ने सभी महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि प्रतिदिन कम से कम पांच आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच करेंगी तथा सेविकाओं द्वारा वितरित टीएचआर का डाटा अपलोड करना सुनिश्चित करेंगी, अन्यथा सेविकाओं के साथ-साथ संबंधित महिला पर्यवेक्षकों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जायेगी.

प्रतिदिन टीएचआर का अपलोड करें डाटा : डीएम ने सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं को निर्देश दिया गया कि जिस सेविका द्वारा प्रतिदिन टीएचआर का डाटा अपलोड नहीं किया जाता है उनसे स्पष्टीकरण कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की अनुशंसा करें. सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं को निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी सेविका गृह भ्रमण कर रही है अथवा नहीं, इसका भी अनुश्रवण कराना सुनिश्चित करेंगे. डीपीओ आइसीडीएस को निर्देश दिया गया कि सभी परियोजना में पंचायत वार महिला पर्यवेक्षिकाओं का उपलब्धि प्रतिवेदन तैयार किया जाए तथा जिनका वर्क परफॉर्मेंस खराब है उनके विरुद्ध कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगी. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वेट मशीन उपलब्ध है उसमें बैटरी उपलब्ध है या नहीं इसका भी अनुश्रवण महिला पर्यवेक्षिका करेंगी. समीक्षा में पाया गया कि 73841 कुल नामांकित बच्चों के विरुद्ध एसएएम बच्चों की संख्या 2.91 प्रतिशत है परन्तु एनआरसी में कम ही बच्चे पहुंच पाते हैं. सभी महिला पर्यवेक्षिका को प्रत्येक माह में अति कुपोषित कैटेगरी के 10 प्रतिशत बच्चों एनआरसी में भेजने का निर्देश दिया. आंगनबाड़ी केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगने वाले गर्भवती महिलाओं के जांच शिविर का जांच उसमें स्वास्थ्य विभाग के डाटा के अनुसार सभी महिला का जांच हो तथा दोनों का डाटा में एकरूपता रहे इसके लिए आपस में समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया. बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया गया कि महिला पर्यवेक्षकों का निरीक्षण प्रतिवेदन को सही से अद्यतन करने के बाद ही उनका यात्रा भत्ता स्वीकृत करेंगे. उन्होंने सभी महिला पर्यवेक्षिका को अनुश्रवण अच्छे से करने का निर्देश दिया अन्यथा कार्रवाई की जायेगी. जिले के नौनिहालों के पोषण स्वास्थ्य एवं पठन-पाठन को बेहतर बनाने के लिए भी बाल विकास एवं बाल संरक्षण, सुरक्षित मातृत्व से जुड़े सभी योजनाओं के निरंतर समीक्षा की जा रही है.

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