भू-जल संरक्षण के लिए जिले की सभी पंचायतों में बनाये जायेंगे सोख्ता
जल संरक्षण आज राष्ट्रीय प्राथमिकता का विषय है. प्रशासनिक स्तर के साथ-साथ सामूहिक स्तर, व्यक्तिगत स्तर एवं वैश्विक स्तर पर जल का संरक्षण समय की आवश्यकता है.
अरवल. जल संरक्षण आज राष्ट्रीय प्राथमिकता का विषय है. प्रशासनिक स्तर के साथ-साथ सामूहिक स्तर, व्यक्तिगत स्तर एवं वैश्विक स्तर पर जल का संरक्षण समय की आवश्यकता है. सभी को जल की एक-एक बूंद को बचाना होगा. पानी को हम बना नहीं सकते, पर बचा जरूर सकते हैं. इसके लिए हमें अभी से गंभीर होना होगा. अपने-अपने घरों में सोख्ता बनाकर इस पानी को बचाएं. इससे भू जलस्तर बढ़ेगा. नल-जल योजना के तहत लगे नलों से लगातार पानी बेकार बहता रहता है, जिसे रोकें. लगातार गिरते भूजल स्तर के कारण पिछले पांच साल से मार्च के बाद जिला गंभीर जल संकट उत्पन्न हो जा रहा. हर वर्ष जिला के 50 से ऊपर गावों में पानी के लिए हाहाकार मच जा रहा है. जल संकट से निजात पाने के लिए सरकार ने भूजल स्तर को ऊपर उठाने को लेकर जल जीवन हरियाली योजना के तहत सार्वजनिक चापाकल व कुआं के समीप सोख्ता का निर्माण करने का निर्णय लिया है. सोख्ता निर्माण को लेकर जिले के 640 लक्ष्य निर्धारित किया है. प्रत्येक पंचायत में 10 सोख्ता का निर्माण किया जायेगा, जिसमें जल जीवन हरियाली अभियान के तहत मनरेगा से सोख्ता का निर्माण कराना है. सोख्ता बन जाने से नाली के पानी निकालने की समस्या से निजात मिल जायेगा. इसके साथ ही आपसी झगड़ा भी नली के पानी को लेकर नहीं हो पायेगा. कम जगह रहने के कारण लोगों को घर बनाने में नाली बनाने कि चिंता ज्यादा रहती है. सोख्ता बन जाने पर इन सारी समस्या का समाधान हो पायेगा. वहीं अरवल जिले में मनरेगा के तहत 640 सोख्ता का निर्माण कराया जायेगा. अरवल प्रखंड में 120, कलेर प्रखंड में 150, करपी प्रखंड में 190, कुर्था प्रखंड में 110 और वंशी प्रखंड में 80 सोख्ता का निर्माण किया जायेगा.
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