बगैर माइनिंग प्लान के खेतों से हो रही मिट्टी की कटाई
बगैर माइनिंग प्लान के ही जिले में मिट्टी व्यवसाय से जुड़े हुए लोग खेतों से मिट्टी काट कर बाजार में ऊंचे दाम पर मिट्टी का खुलेआम बिक्री कर रहे हैं.
जहानाबाद सदर
. बगैर माइनिंग प्लान के ही जिले में मिट्टी व्यवसाय से जुड़े हुए लोग खेतों से मिट्टी काट कर बाजार में ऊंचे दाम पर मिट्टी का खुलेआम बिक्री कर रहे हैं. जबकि नियमानुसार कोई भी व्यक्ति को खेत से मिट्टी काटने के लिए खनन विभाग से माइनिंग प्लान लेना अतिआवश्यक रहता है, लेकिन जिले में एक भी व्यक्ति माइनिंग प्लान नहीं लेते हैं और बगैर मीनिंग प्लान लिए हुए ही मिट्टी का व्यवसाय करना शुरू कर देते हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण सिर्फ शहर में ही देखने को मिलेगा. रोजाना सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर पर मिट्टी लोड रहता है और बाजार में बिक्री के लिए आता है. खासकर नये-नये बन रहे मकान में भराई करने के लिए यहां तक कि सड़क निर्माण में भी मिट्टी का जो प्रयोग हो रहा है, वह माइनिंग प्लान लिए बगैर ही मिट्टी ढोया जा रहा है. मिट्टी व्यवसाय से जुड़े लोग खेतों से न सिर्फ मिट्टी काट रहे हैं, बल्कि आहर, नहर एवं नदी के तटबंध से भी चोरी-चुपके मिट्टी काटकर बिक्री कर दे रहे हैं और खनन विभाग देखता रह जा रहा है. यह नजारा कई नदी तट पर देखने को मिल रहा है.
माइनिंग प्लान लेना रहता है आवश्यक : कोई भी व्यक्ति अगर मिट्टी का व्यवसाय करता है तो उसे खनन विभाग से माइनिंग प्लान लेना अतिआवश्यक रहता है. माइनिंग प्लान लेने के लिए सबसे पहले जमीन मालिक से एग्रीमेंट करना होता है. एग्रीमेंट करने के बाद जमीन की रसीद लगाकर खनन विभाग में जमा करना होता है और घन मीटर के अनुसार रॉयल्टी टैक्स विभाग के पास जमा करना होता है. रॉयल्टी टैक्स जमा करने के बाद ही विभाग द्वारा माइनिंग प्लान दिया जाता है, तब जाकर कोई भी व्यक्ति मिट्टी की कटाई कर बिक्री कर सकता है.
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