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तेज रफ्तार व ट्रैफिक नियमों की अनदेखी ले रही लोगों की जान

जिले में वाहनों की तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन मासूम लोगों की जिंदगी लील रहा है, बावजूद इसके वाहनों की स्पीड पर ब्रेक नहीं लग रहा है. सोमवार को तेज रफ्तार से वाहन चलाने के कारण दो लोगों की मौत हो गई.

जहानाबाद. जिले में वाहनों की तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन मासूम लोगों की जिंदगी लील रहा है, बावजूद इसके वाहनों की स्पीड पर ब्रेक नहीं लग रहा है. सोमवार को तेज रफ्तार से वाहन चलाने के कारण दो लोगों की मौत हो गई. जबकि एक अभी भी पीएमसीएच में जिंदगी और मौत से जूझ रही है. परिवहन विभाग के द्वारा सड़क की स्थिति क्षेत्र और घनी आबादी को देखते हुए वाहनों की स्पीड की सीमा तय की जाती है. शहरी क्षेत्र में वाहनों की स्पीड की एक सीमा तय की गई होती है. अमूमन यह सीमा ऐसी आबादी वाले क्षेत्र में 20 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है. इसके लिए घनी आबादी वाले क्षेत्र में प्रवेश वाली जगह पर ही गति सीमा की बोर्ड लगाई जाती है किंतु जहानाबाद जिले में हर ऐसी घनी आबादी वाली क्षेत्र में प्रवेश के पहले बोर्ड नही लगाया गया है. जहां कहीं वह बोर्ड लगा हुआ भी है तो वाहन चालक उन नियमों का पालन नहीं करते हैं, जिसके कारण तेज रफ्तार में चलने वाले वाहन चालक के साथ-साथ आम लोग भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं और अपनी जानें गंवा रहे हैं. जिले में आये दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें अक्सर लोगों की जान चली जाती है. वाहनों की बेहिसाब रफ्तार के कारण जिले में हिट एंड रन का मामला भी बढ़ रहा है. आए दिन कोई वहां किसी सड़क पर चलते व्यक्ति को कुचलकर भाग जाता है. इस माह तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के कारण पिछले दस दिनों में तीन लोगों की मौत हो गयी है. जबकि दो दर्जन लोग घायल हो गये हैं. अमूमन हर महीने जिले में सड़क दुर्घटना के दौरान तीन से 6 लोगों की मौत हो जाती है. जबकि दर्जनों लोग घायल हो जाते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण वाहनों की हाइ स्पीड और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी है. इसके अलावा वाहनों द्वारा एक दूसरे का ओवरटेक करने, झपकी लगने अथवा शराब पीकर गाड़ी चलाने और घनी आबादी में भी वाहनों की गति निर्धारित गति सीमा के अनुसार नहीं रखना भी दुर्घटना का कारण बनता है. अगर घनी आबादी वाली जगहों पर प्रवेश के समय अगर सतर्कता बरती जाए और भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र में प्रवेश के पहले गति सीमा और सतर्कता का बोर्ड, सड़क पर स्पीड ब्रेकर लगाई जाए और सड़क किनारे उगे जंगलों को साफ कर विजिबिलिटी बढ़ाई जाए तो दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है, किंतु अभी तक एनएचआई और आरसीडी के द्वारा इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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