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बिना हेलमेट बाइक पर भर रहे फर्राटे, गंवा रहे जिंदगी

ट्रैफिक के दबाव को झेलती सड़कों पर सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन चालक सड़क दुर्घटनाओं में जिंदगी गंवा रहे हैं.

जहानाबाद जिले में ट्रैफिक के दबाव को झेलती सड़कों पर सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन चालक सड़क दुर्घटनाओं में जिंदगी गंवा रहे हैं. कानून के बावजूद हेलमेट से बनी दूरी दोपहिया वाहन सवारों की मौत की बड़ी वजह बन गयी है. जिले में कई बाइक सवार हादसों की भेंट चढ़ चुके हैं. हालांकि इन हादसों के बाद भी वे सबक नहीं ले रहे और बिना हेलमेट के ही सड़कों पर फर्राटे भर रहे हैं. सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के जिले में बढ़ती मौतों पर परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा माह चलाया जा रहा है. केंद्रीय मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 129 के तहत दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है. वर्ष 2016 में नियमावली में संशोधन कर मोटरसाइकिल, स्कूटर या मोपेड पर पीछे बैठी सवारी को भी हेलमेट प्रयोग करना होगा. कानून के बावजूद चालक हेलमेट के इस्तेमाल से बेपरवाह हैं. सड़कों पर यातायात का बोझ हर दिन बढ़ रहा है. हाइवे और राजमार्ग पर आये दिन चालक सड़क दुर्घटना में अपनी जिंदगी गंवा रहे हैं, फिर भी लोग हेलमेट लगाना जरूरी नहीं समझते. दुर्घटना के बन रहे शिकार : चाहे शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र, हर जगह बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालक सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं. चिंताजनक यह है कि टू-व्हीलर पर ट्रिपल राइडिंग आम है. बच्चों के साथ दंपती एक ही बाइक पर सवार दिखाई देते हैं. सख्ती के लिए प्रशासन के उठाये गये कदम भी नाकाफी साबित हुए हैं. पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के तेल नहीं मिलने का अभियान जिले में कारगर नहीं रहा. सभी पेट्रोल पंपों पर सिर्फ स्लोगन लगे रह गये हैं. बच्चों के हाथ में स्कूटी और बाइकें हैं. स्कूलों के छात्र-छात्राओं के बीच टू-व्हीलर का क्रेज सबसे ज्यादा है. बाइक और स्कूटी पर तीन और चार युवा एक साथ सड़कों पर दौड़ रहे हैं. बोर्ड परीक्षा में दूर-दराज परीक्षा केंद्र होने की वजह से बाइकों पर आवाजाही करने वाले कई युवा सड़क दुर्घटना के शिकार बने. वाहन चालकों की एक ओर आदत जिंदगी पर भारी पड़ रही है, हेलमेट सिर पर नहीं, बल्कि बाइकों के पीछे लॉक कर सड़कों पर चलते हैं. बाइक पर चलते वक्त हेडफोन और मोबाइल फोन इस्तेमाल करने का ट्रेंड जानलेवा बन गया है. युवाओं में टू-व्हीलर पर मोबाइल पर बात करना एक फैशन बन चुका है. ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल पर बात या म्यूजिक सुनने से ध्यान एकाग्र नहीं होता. मानसिक संतुलन अस्थिर होते ही पल भर में दुर्घटना हो जाती है. चिकित्सकों की मानें तो सड़क हादसों में 20 फीसदी दोपहिया वाहन चालकों की गर्दन की हड्डी टूट जाती है. हेलमेट से गर्दन, सिर, कान, आंख, मुंह और जबड़े की हड्डी की काफी हद तक सुरक्षा हो जाती है. बाइकों पर सबसे अधिक शिकार 15 से 30 साल के युवा हो रहे हैं.

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