इमरजेंसी ड्यूटी से गायब तीन डॉक्टरों से प्रभारी अधीक्षक ने मांगा स्पष्टीकरण
िले में आगामी 14 फरवरी को मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सारे पदाधिकारी अलर्ट मोड पर हैं, बावजूद इसके सदर अस्पताल के चिकित्सकों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है.
जहानाबाद
. जिले में आगामी 14 फरवरी को मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सारे पदाधिकारी अलर्ट मोड पर हैं, बावजूद इसके सदर अस्पताल के चिकित्सकों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है. मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ देवेंद्र प्रसाद और सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ प्रमोद कुमार मंगलवार की रात सदर अस्पताल की इमरजेंसी कक्ष में निरीक्षण के लिए पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि रोस्टर की ड्यूटी के अनुसार जिनकी ड्यूटी थी वह दोनों डॉक्टर ड्यूटी से गायब थे. मंगलवार की रात आठ बजे से इमरजेंसी में डॉ संजय शर्मा और डॉ बीके शाही की ड्यूटी लगी थी. उसके पहले अपराह्न 2 बजे से रात 8 बजे तक डॉ एके नंदा की ड्यूटी थी, किंतु जब सिविल सर्जन निरीक्षण के लिए पहुंचे तब केवल डॉक्टर एके नंदा ड्यूटी पर मौजूद थे वह भी अपनी ड्यूटी पर काफी लेट आये थे और रात 8 बजे के बाद भी रोस्टर की ड्यूटी वाले दोनों डॉक्टर नहीं आये. इसके बाद सिविल सर्जन ने उक्त दोनों डॉक्टरों को सदर अस्पताल की इमरजेंसी से ही फोन किया. इसके बाद देर रात एक डॉक्टर अस्पताल पहुंचे. रात 3 बजे डॉक्टर एके नंदा और एक रोस्टर वाले डॉक्टर फिर से इमरजेंसी छोड़ कर चले गये. काफी है तो वह मचाने के बाद फिर सुबह वह लोग पहुंचे. गनीमत थी कि इस बीच कोई इमरजेंसी रोगी अस्पताल में नहीं पहुंचा था, वरना बवाल तय था. इस मामले में सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक ने बताया कि डॉ संजय शर्मा, डॉ बीके शाही और डॉ एके नंदा से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इस मामले में बायोमेट्रिक उपस्थिति का लेखा-जोखा भी नहीं लिया जाता है. कई महिला डॉक्टर के भी रात में ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण मरीज को परेशान होना पड़ता है. ऐसे में मजबूर इमरजेंसी पेशेंट किसी प्राइवेट क्लीनिक का सहारा लेते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है