खराब हुई जिले की हवा, एक्यूआइ दो सौ पर
ठंड के इस मौसम में जिले के प्रदूषण के स्तर में भी भारी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. शुक्रवार को जिले का एक्यूआइ स्तर 197 पहुंच गया है.
जहानाबाद. ठंड के इस मौसम में जिले के प्रदूषण के स्तर में भी भारी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. शुक्रवार को जिले का एक्यूआइ स्तर 197 पहुंच गया है. जो 200 के स्तर से मात्र तीन प्वाइंट कम है. इससे पहले पिछले 10 दिसंबर को जिले का एक्यूआइ स्तर इस मौसम में सबसे अधिक 204 रिकॉर्ड किया गया था. जबकि पिछले 7 जनवरी को इसका स्तर 199 पर था.
इस साल इस मौसम में यह तीसरी बार है, जब जिले का एक्यूआइ का स्तर 200 के पास पहुंचा है. एक्यूआइ वह पैमाना है जिससे हवा में प्रदूषण के स्तर को नापा जाता है.प्रदूषण के बढ़ने से जिले के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. जिले में पिछले एक महीने से ठंड जारी है. इसके साथ ही सुबह में कोहरा और धुंध भी छाया रहता है. सुबह में कभी कुहासा छाया रहता है तो कभी हल्की धूप नजर आती है. दिन में भी लोगों को कड़ी धूप नसीब नहीं होती. कभी हल्की धूप रहती है तो कभी बदली छाती है. सुबह के नमी भरे मौसम और धुंध में प्रदूषण के कण अटक जाते हैं. पिछले करीब एक महीने से अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री या इसके नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा था. हालांकि पिछले दो-तीन दिनों से तापमान में कुछ बढ़ोतरी हुई है. अधिकतम तापमान 20 डिग्री से ऊपर तो न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के ऊपर रिकॉर्ड किया जा रहा है. प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर : शहर में प्रदूषण का स्तर शुक्रवार को 197 एक्यूआइ नापा गया. यह प्रदूषण का यह काफी हानिकारक स्तर को दर्शा रहा है. एक्यूआइ हवा में प्रदूषण नापने की एक इकाई है जिससे पता चलता है कि वातावरण में कितनी जहरीली गैस या प्रदूषण के कण तैर रहे हैं जो मानव शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. 0 से 50 एक्यूआइ वाली हवा बेहतर और सांस लेने योग्य मानी जाती है.
50 से 100 एक्यूआइ हवा को संतोषजनक मानी जाती है. जबकि इससे उच्च स्तर वाली हवा प्रदूषित मानी जाती है. जहानाबाद शहर में सामान्य दिनों में प्रदूषण का यह एक्यूआइ स्तर 125 के आसपास रहता है किंतु ठंड बढ़ने के साथ ही इसका लेवल दो सौ के पास पहुंच गया है. ठंड के मौसम में प्रदूषण सुबह शाम अधिक होता है.कचरा जलाने से भी बढ़ता है प्रदूषण
शहर में जगह जगह फेंके गये कूड़े-कचरा में आग लगाने से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. शहर के दरधा नदी के अलावा एनएच-83 और एनएच 110 के किनारे विभिन्न जगहों पर जगह-जगह कूड़े फेंके गये हैं. इनमें बड़ी मात्रा पॉलिथीन और प्लास्टिक के कचरे की होती है जिनमें अक्सर कहीं सफाई कर्मी, तो कहीं आम लोग आग लगा देते हैं. शहर के एनएच 110 पर भागीरथबिगहा के निकट शहर से निकलने वाले कूड़े का डंप किया गया था. लोगों के विरोध के बाद कूड़े की डंपिंग तो बंद हो गई किंतु उसे अभी तक नहीं हटाया गया है. हर जगह जमा कूड़े में लोग अक्सर आग लगा देते हैं, उससे भी जहरीली धुंआ निकलती रहती है और हवा में जहरीली गैसें फैलती हैं, इन सब कारणों से हवा का एक्यूआई स्तर बढ़ जाता है.
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