Jahanabad News : दीपावली के पहले ही जिले की आबोहवा खतरनाक
Jahanabad News : जिले में दीपावली के पहले ही प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. गत दिनों बदली और बारिश तथा उस पर दीपावली के पहले पटाखे फोड़े जाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. वातावरण में प्रदूषण के बढ़ने से जिले के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
जहानाबाद.
जिले में दीपावली के पहले ही प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. गत दिनों बदली और बारिश तथा उस पर दीपावली के पहले पटाखे फोड़े जाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. वातावरण में प्रदूषण के बढ़ने से जिले के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. जिले का अधिकतम तापमान इन दिनों 30 से 32 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेंटीग्रेड रिकॉर्ड किया जा रहा है.
प्रदूषण का लेवल स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक : शहर में बुधवार को प्रदूषण का स्तर 160 एक्यूआइ नापा गया. यह स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होता है. 0 से 50 एक्यूआइ वाली हवा बेहतर और सांस लेने योग्य मानी जाती है. 50 से 100 एक्यूआइ वाली हवा को संतोषजनक माना जाता है, जबकि उच्च स्तर वाली हवा प्रदूषित मानी जाती है. जहानाबाद शहर में बारिश और दीपावली के पहले प्रदूषण का यह एक्यूआइ स्तर 120 से 130 नापा जा रहा था, किंतु ठंड और वातावरण में पटाखे के धुएं के कारण इसका लेवल 160 से पार कर गया. शहर में सुबह 10 बजे के बाद प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है और शाम होते-होते प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच जाता है. शाम में प्रदूषण का स्तर बढ़ने का कारण दिन भर वाहनों के परिचालन से हवा में तैरते जहरीले कण और गैस को बताया जा रहा है. सुबह और शाम के समय कुहासे की वजह से उसमें धूल कण गैस और जहरीली धातु के कण अटक जाते हैं. वाहनों का परिचालन अधिक होने के साथ-साथ प्रदूषण का लेवल बढ़ने लगता है.
कूड़ा जलाने से भी बढ़ता है प्रदूषण : शहर में कई जगहों पर फेंके गये कूड़े मैं आग लगाने से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. दरधा नदी के एनएच 83 और 110 के किनारे विभिन्न जगहों पर जगह-जगह कूड़े फेंके गये हैं. इसके अलावा नदी तथा राज्य की सड़कों के किनारे भी देखे गये कूड़े में लोग आग लगा देते हैं. इनमें बड़ी मात्रा पॉलिथीन और प्लास्टिक के कचरे की होती है. सामाजिक कार्यकर्ता प्रहलाद भारद्वाज बताते हैं कि वभना और निजामउद्दीनपुर के निकट नगर परिषद के द्वारा फेंके गये कूड़े में अक्सर आग लगी रहती है, जिसके कारण हवा में जहरीली गैस फैलती है. नालंदा मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ गिरिजेश कुमार बताते हैं कि स्वच्छ और बेहतर ऑक्सीजन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. मॉर्निंग और इवनिंग वॉक से शरीर में ऑक्सीजन की अधिक मात्रा जाती है, जो स्वास्थ्य पर बेहतर इफेक्ट करता है, किंतु प्रदूषित हवा में सांस लेने से सांस के साथ प्रदूषण का जहर मुंह और नाक से फेफड़े तक पहुंचता है. इन हवाओं में मौजूद जहरीले कण और गैस स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. इससे आंखों में जलन, गले में खराश, खांसी, फेफड़े में इन्फेक्शन एलर्जी यहां तक कि कैंसर होने तक का खतरा बना रहता है. प्रदूषण की वजह से स्किन और आंखों में एलर्जी भी हो जाती है. जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, वैसे-वैसे वातावरण में ओस की बूंदे वाष्प कण अधिक मौजूद होंगे जिनमें प्रदूषण के जहरीले कण और गैस अटक जाते हैं जो सांस के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है और शरीर को भारी नुकसान पहुंचाता है.
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