काको.
सूफी महोत्सव के मौके पर मशहूर सूफी गायक इरफान अली ने जब अपनी बुलंद आवाज में सूफियाना कलाम पेश किया तो पूरा माहौल सूफियाना हो गया. हजारों की संख्या में श्रोताओं को उनकी विशिष्ट आवाज ने अपना दीवाना बना दिया. दर्द दिलों का काम हो जाते मैं और तुम गर हम हो जाते… गाना से माहौल खुशनुमा हो गया. सूफियाना कलाम पेश कर रहे गायक ने सूफियाना गीत अल्लाह हू अल्लाह हू अल्लाह हो… दिल सम्भल जा जरा फिर मोह्हबत करने चला…सागर की गहराई से गहरा है अपना प्यार…की प्रस्तुति आरंभ की तो हजारों की संख्या में श्रोताओं ने खड़े होकर उनका हौसला अफजाई किया. कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किये गये अर्थपूर्ण गीतों से पूरे माहौल में एक अलग तरह की शमां बंध गयी. मौका था शुक्रवार को पर्यटन विभाग तथा जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सूफी महोत्सव का. महोत्सव का आगाज अंग हेरिटेज एंटरटेनमेंट,भागलपुर द्वारा किया गया. कलाकारों ने इस शाने करम का क्या कहना, तेरी रहमतों का दरिया, मौला मौला, मौला मेरे मौला, आया तेरे दर पर दीवाना, भर दे झोली, मेरी जान जाये वतन के लिए,तू माने या ना माने, आप बैठे है बालिम पे.. की प्रस्तुतीकरण दर्शकों का मन मोह लिया. गायक कलाकार गजेंद्र मिश्रा, आदिल खान द्वारा कई सूफियाना कलाम प्रस्तुत किया गया. कलाकारों ने भी भर दे झोली मेरी या मुहम्मद, लौट कर मैं न जाऊंगा खाली… गीत से महोत्सव का आगाज किया तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा. कलाकारों की सूफियाना प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये. दर्शक उनके गीत पर झूमने लगे. कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक गीत की प्रस्तुति दी गयी. वहीं महोत्सव के दौरान लेजर शो के माध्यम से बीबी कमाल के दरगाह के बारे में विस्तार से जानकारी दिया गया. उपस्थित हजारों दर्शकों को बीबी कमाल के दरगाह के संबंध में लेजर शो के माध्यम से बताया गया. बीबी कमाल के दरगाह पर आयोजित सालाना उर्स के मौके पर घोसी विधायक रामबली यादव, मखदुमपुर विधायक सतीश दास, जहानाबाद विधायक सुदय यादव के अलावे जिले के पदाधिकारियों ने भी चादरपोशी की. पदाधिकारियों ने बीबी कमाल के मजार पर चादरपोशी कर अमन व शांति की दुआ मांगी. बीबी कमाल का मजार गंगा-यमुनी तहजीब की मिसाल है. यहां आम दिनों में भी बंगाल, झारखंड समेत कई राज्यों से सैलानी मन्नतें मांगने आते हैं. सालों भर यहां सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है. सालाना उर्स के मौके पर देश-विदेश से भी सैलानी पहुंचते हैं. बीबी कमाल के दरगाह पर आयोजित दो दिवसीय सालाना उर्स के पहले दिन गुरुवार को दरगाह कमेटी के अलावे देश-विदेश से आये जायरीनों द्वारा चादरपोशी किया गया था. वहीं शुक्रवार को सूफी महोत्सव में शिरकत करने आये विधायक के साथ ही जिले के पदाधिकारियों ने चादरपोशी कर दुआएं मांगीं.इंसानियत और मोहब्बत का मिलता है पैगाम :
सूफी महोत्सव का उद्घाटन विधायक एवं पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. इस मौके पर डीएम द्वारा हजरत बीबी कमाल के मजार की महता पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि बिहार के ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक और साम्प्रदायिक सद्भाव केंद्रों में यह मजार एक है. यह मकबरा बीबी कमाल तुगलक वंश के शासल काल में एक सूफी संत महिला था जिन्हें फिरोज शाह तुगलक ने महान साधवी के तौर पर अलंकृत किया था. जिला प्रशासन बीबी कमाल के मकबरे को विकसित करने के लिए दृढ़संकल्पित है. सरकार ने इसे सूफी सर्किट से जोड़ कर पर्यटन के नक्शे पर लाया है और इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. बीबी कमाल का दरगाह से इंसानियत और मोहब्बत का पैगाम मिलता है. हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल के लिए यह दरगाह जाना जाता है. इस धार्मिक स्थल पर मुस्लिमों की तरह ही हिंदू भी बड़ी संख्या में हाजिरी लगाने पहुंचते हैं. हिंदुस्तान में गंगा-यमुनी तहजीब और सूफी धारा को आगे बढ़ाने में हजरत बीबी कमाल का बहुत महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. हजरत बीबी कमाल के आस्ताने में मजहब और धर्म की विवाद कोई मायने नहीं रखती. इस मौके पर अन्य अतिथियों द्वारा भी बीबी कमाल के दरगाह के बारे में विस्तार से जानकारी दिया गया.सूफी महोत्सव के दौरान सुरक्षा का रहा पुख्ता इंतजाम :
बीबी कमाल के दरगाह पर सालाना उर्स के मौके पर मध्य विद्यालय काको परिसर में आयोजित सूफी महोत्सव के दौरान सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहा. जिला प्रशासन द्वारा महोत्सव के दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने को लेकर पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती किया गया था. वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बलों को भी तैनात किया गया था ताकि महोत्सव के दौरान किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हो. दरगाह के आसपास तथा महोत्सव आयोजन स्थल के आसपास पर्याप्त संख्या में पुलिस के जवान मुस्तैद थे जो आने-जाने वाले लोगों पर अपनी नजर बनाये हुए थे. प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी आसपास सतत निगरानी रखते हुए अवांछित तत्वों की हरकतों पर अपनी कड़ी निगाह रखे हुए थे ताकि महोत्सव के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं हो. भारत की प्रथम महिला सूफी संत मख्दूमा बीबी कमाल के दो दिवसीय वार्षिक उर्स के पहले दिन दरगाह मखदूमा बीबी कमाल के सज्जादा नशीं सैयद शाह सदरुद्दीन के नेतृत्व में आस्ताना पर चादरपोशी की गयी. वहीं उर्स के दूसरे दिन सूफी महोत्सव के अवसर पर जिला के विधायक सुदय यादव ,रामबली यादव और सतीश दास व जिला औकाफ कमिटी के सचिव मेराज अहमद सिद्दू ने मख्दूमा बीबी कमाल के आस्ताना पर चादरपोशी के उपरांत राज्य की उन्नति व विकास के लिए दुआएं मांगी. इस अवसर पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने मख्दूमा बीबी कमाल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहां से रूहानी फैजान का सिलसिला आज भी जारी है. जिससे बिना भेदभाव सभी धर्म के अनुयायी लाभान्वित होते हैं. विदित हो कि दरगाह हजरत बीबी कमाल बिहार के ऐतिहासिक, पुरातात्विक एंव धर्मिक और साम्प्रदायिक सद्भाव केन्द्रों में से एक है. बीवी कमाल विश्व की पहली महिला सूफी संत थी जो तांत्रिक विद्या के लिए विश्व में विख्यात थीं. अस्ताना मख्दूमा बीबी कमाल वर्तमान काल में भी गंगा -जमुनी संस्कृति की जीवंत मिसाल है. दरगाह कमेटी के चादरपोशी के उपरांत काको स्थित मध्य विद्यालय के प्रांगण में विधायक, जिलाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक व जिला औकाफ कमेटी के सचिव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के प्रारंभ में स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति हुई तदोपरांत सूफियान बैँड भागलपुर द्वारा कई नगमें की प्रस्तुति की गयी. अकीदतमंदों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्था नाकाफी साबित हुई।सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्थानीय पुलिस व प्रशासन पूरी तरह सतर्क था. आस्ताना के समीप एवं पुलिस सतर्क थी तो मेडिकल टीम भी तैनात थी. आपातस्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी. चलंत शौचालय व पेयजलापूर्ति की भी व्यवस्था दिखी. विधि व्यवस्था को लेकर प्रशासन के साथ साथ वोलिंटियर व स्काउट भी तैनात थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है