बाइपास चालू होते ही सड़क किनारे जमीन का दाम छूने लगा आसमान
शहर में बना न्यू बाइपास से आवागमन शुरू होते ही बाईपास किनारे जमीन का दाम आसमान छूने लगा है.
जहानाबाद सदर.
शहर में बना न्यू बाइपास से आवागमन शुरू होते ही बाईपास किनारे जमीन का दाम आसमान छूने लगा है. यूं तो बाईपास बनने के नाम शुरू होते ही आसपास के जमीन का दाम अचानक बढ़ गया था लेकिन अब जब बाईपास से आवागमन शुरू हो गया है तो बाईपास किनारे की जमीन का दाम 10 गुना बढ़ गया है. यही वजह है कि नए बाईपास सड़क किनारे की जमीन खरीदारी करने के लिए सुबह होते ही लोगों की टोली घूमने लगता है. लोग दांव में लगे हैं कि सड़क किनारे जमीन हासिल हो जाए, उसके लिए सुबह से शाम तक बाईपास पर लोग घूमते नजर आते हैं और जैसे ही जमीन का पता चलता है, खरीदारी करने वालों की तांता लग जाता है. यही वजह है कि बाईपास किनारे जिन व्यक्ति का भी जमीन है, मुंह मांगा दाम मांगना शुरू कर दिया है. वर्तमान समय में सड़क किनारे की जमीन का दाम कामदेवबिगहा से लेकर इरकी गांव तक काफी ऊंचा हो गया है. 50 लाख रुपये से लेकर 70 लाख रुपए तक प्रति कट्ठा जमीन बिक रहा है. वहीं सड़क से दो-तीन प्लाट अंदर की जमीन का दाम भी काफी महंगी हो गई है और 40 लाख से लेकर 50 लख रुपए प्रति कट्ठा बिकने लगा है. ज्ञात हो कि जिस जगह से बाईपास गुजरी है उस जगह पर काफी उपजाऊ जमीन थी तथा बरसात के दिनों में पानी भरा रहता था. बरसात के दिनों में लोग हिम्मत भी नहीं कर पाते थे कि अपना जमीन पर जाएं, जो किसान किसी तरह धान रोपे देते थे लेकिन जब पानी भर जाता था तो जाने की हिम्मत भी नहीं कर पाता था. आज स्थिति यह है कि जमीन का दाम आसमान छूने लगा है.सड़क किनारे होने लगा है कंस्ट्रक्शन
नया बाईपास शुरू होते ही सड़क किनारे कंस्ट्रक्शन शुरू हो गया है. सड़क किनारे लोग तेजी से मकान बनाना शुरू कर दिया है. वहीं सड़क के आसपास की जमीन पर प्लाटिंग कर जमीन की बिक्री हो रही है और नया मुहल्ला बसना भी शुरू हो गया है लेकिन सबसे अधिक सड़क किनारे का डिमांड बढ़ा हुआ है. कारण है कि नया बाईपास शुरू होने के बाद वाहनों का आवागमन तेजी से होने लगा है, जिसकी वजह से सड़क किनारे गैराज संचालक, होटल संचालक विशेष तौर पर जमीन की खरीदारी कर रहे हैं और अब गैराज वगैरह बनाना भी शुरू कर दिया है.
क्या कहते हैं जमीन मालिक
पहले हम लोगों की जमीन पर खेती होती थी. उपज अच्छी होती थी, लेकिन नया बाईपास बनने के बाद जमीन का दाम काफी बढ़ गया है. पहले जमीन बेचने के लिए सोचना पड़ता था, लेकिन अभी जमीन बेचना भी नहीं चाहते हैं पर ग्राहक आकर घर पर बैठ जाता है और ऊंचा दाम देने का प्रलोभन भी देने लगा है.
संजय कुमारडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है