जहानाबाद. शहर के हवाई अड्डा सड़क गड्ढे में तब्दील हो गयी है. बरसात के दिनों में सड़क पर बने इन अनगिनत गड्ढे में पानी जमा रहता है. वहीं गर्मी में गांव की कच्ची सड़कों की तरह इस पर धूल उड़ती है. शहर के मलहचक मोड़ से हवाई अड्डा जाने वाली सड़क की यही पहचान बन चुकी है. हाल यह है कि इस सड़क पर सड़क कम और गड्ढे अधिक नजर आते हैं. शहर के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोग इस सड़क से होकर गुजरने में कतराते हैं. जबकि इस इलाके के लोगों को इसी जर्जर सड़क से होकर आना-जाना उनकी विवशता बनी हुई है. इस इलाके में कई सरकारी और गैर सरकारी विद्यालय खुले हैं.
20 वर्ष पहले हुआ था मलहचक एरोड्रम सड़क का निर्माण
आर्य समाज स्कूल से लेकर डीएवी और प्रतिभा पल्लव स्कूल सहित बहुत सारे विद्यालय और कोचिंग संस्थान इस इलाके में चलाये जा रहे हैं. गांधी स्मारक प्लस टू विद्यालय जाने का रास्ता भी यही है. इसी इलाके में नियोजनालय और पशु अस्पताल भी है. हवाई अड्डा और शहर का एकमात्र स्टेडियम पहुंचने का भी यही रास्ता है. इस सबके बावजूद इस सड़क के निर्माण पर किसी का ध्यान नहीं है. इलाके के लोग बताते हैं कि करीब 20 साल पहले इस सड़क का निर्माण हुआ था. सड़क पर पीसीसी की ढलाई की गयी थी. सड़क निर्माण के दो-चार साल बाद से ही ढलाई से गिट्टी निकालने का सिलसिला शुरू हो गया था. इसके बाद यह सड़क धीरे-धीरे जर्जर होनी शुरू हो गयी. पिछले 10 साल से इस सड़क की हालत बदतर है. शहर के मलहचक मोड़ से लेकर हवाई अड्डा और स्टेडियम जाने वाली इस सड़क पर असंख्य गड्ढे बने हैं. हालत यह है कि सड़क कम और गड्ढे अधिक नजर आते हैं. इन गड्ढों में गर्मी के दिनों में धूल भरी है और बरसात के दिनों में इन गड्ढों में कीचड़ और पानी भर जाता है जिसके कारण इस सड़क पर गर्मी में ग्रामीण इलाकों के कच्ची सड़क की तरह धूल उड़ती है और बरसात में गड्ढे में पानी भरा रहता है. अनजान वाहन सवारों को गड्ढे की गहराई का पता नहीं होता ऐसे में वह असंतुलित होकर गिर जाते हैं. इस सड़क से गुजरने पर कई साइकिल और बाइक सवार गिरकर चोटिल हो चुके हैं. जबकि बड़े वाहनों और कर में गुजरने वाले सवारों को हिचकोले खाना पड़ता है. इस सड़क से होकर कई स्कूलों की बसें गुजरती हैं. गड्ढे में हिचकोले खाने के बाद बसों में बैठने वाले बच्चे बस के भीतर अपनी सीटों से नीचे गिर जाते हैं. गड्ढे के हिचकोले में इस सड़क पर कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. कई नेवारी लदा पिकअप वैन भी उलट गया है. जब भी कोई बड़ा खेल का आयोजन होता है तो उसे स्टेडियम में आयोजित किया जाता है, उस दौरान जिले के जिलाधिकारी से लेकर बड़े-बड़े प्रशासनिक पदाधिकारी इसी रोड से होकर गुजरते हैं, बावजूद इसके इस रोड के निर्माण की ओर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है. मुहल्ले वाले बताते हैं कि उन लोगों के द्वारा कई बार जिला प्रशासन और नगर परिषद को सड़क निर्माण के लिए गुहार लगाया गया है, बावजूद इसके किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. शहर के बीचों-बीच होने के बावजूद इस खड़क को नगर परिषद के अधीन से आरडब्ल्यूडी के अधीन किया गया है. उधर आरडब्ल्यूडी इसे अपने अधीन नहीं मानता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है