जहानाबाद में कोरोना जांच के लक्ष्य को किया गया संशोधित, अब होंगे इतने लोगों की जांच
जहानाबाद नगर : कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए जांच की संख्या में संशोधन किया गया है. जांच संख्या बढ़ाकर कोविड-19 संक्रमण पर लगाम लगाने की स्वास्थ्य विभाग की पुरजोर कोशिश है. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि जिले में प्रतिदिन आरटीपीसीआर विधि से 300 तथा ट्रू-नेट विधि से 125 जांच किये जायें.
जहानाबाद नगर : कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए जांच की संख्या में संशोधन किया गया है. जांच संख्या बढ़ाकर कोविड-19 संक्रमण पर लगाम लगाने की स्वास्थ्य विभाग की पुरजोर कोशिश है. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि जिले में प्रतिदिन आरटीपीसीआर विधि से 300 तथा ट्रू-नेट विधि से 125 जांच किये जायें. पत्र के माध्यम से पूर्व निर्धारित लक्ष्य को संशोधित कर नये जांच लक्ष्यों की सूचना दे दी गयी है. जिले में 300 आरटीपीसीआर एवं 125 ट्रू-नेट जांच प्रतिदिन करने के निर्देश के साथ ही पूल टेस्टिंग की भी चर्चा है. कहा गया है कि संबंधित लैब द्वारा जिला की पॉजिटिव दर को देखते हुए पूल टेस्टिंग का निर्णय लेकर इसीएमआर के दिशा निर्देशों के आलोक में पूल टेस्टिंग कार्य में लगें. जिले में होने वाले सैंपल कलेक्शन के लिए पटना स्थित एम्स को जांच केंद्र बनाया गया है और यहीं सभी सैंपल भेजे जाने हैं.
पूल टेस्टिंग संक्रमण की देता है सटीक जानकारी
एक से ज्यादा सैंपल को एक साथ टेस्ट कर कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाना पूल टेस्टिंग कहा जाता है. इस जांच प्रक्रिया का इस्तेमाल कम संक्रमण वाले इलाकों में होता है. वहीं संक्रमण के अधिक मामले पाये जाने वाले क्षेत्रों में अलग-अलग जांच की जाती है. पूल टेस्टिंग से अधिकतम पांच लोगों की एक साथ जांच की जा सकती है. पूल टेस्टिंग के लिए पहले लोगों के गले या नाक से स्वैब का सैंपल लेकर कोविड-19 के वायरसों की मौजूदगी का पता लगाया जाता है. रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से जांच की तुलना में आरटी-पीसीआर पूल टेस्टिंग से हुई जांच काफी सटीक होती है.
सभी पीएचसी स्तर पर हो रही कोविड-19 की जांच
जिले में कोरोना संक्रमितों के बढ़ती संख्या के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान कर रहा है. कोरोना संक्रमण के उपचाराधीन को तत्काल चिकित्सकीय उपचार उपलब्ध कराने की दिशा में उसकी समय पर जांच कर इलाज शुरू किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलग-अलग कोरोना जांच प्रक्रियाओं की मदद ली जा रही है.
posted by ashish jha