ठेला, पिकअप, ऑटो और रिक्शा के प्रवेश से सबसे ज्यादा लगता है जाम
बाजार में सुबह से लेकर दिन में भीड़ भाड़ के समय ऑटो, रिक्शा और ठेले से सब्जी और माल उतारे जाने के कारण प्रतिदिन लगने वाले जाम से लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.
जहानाबाद.
बाजार में सुबह से लेकर दिन में भीड़ भाड़ के समय ऑटो, रिक्शा और ठेले से सब्जी और माल उतारे जाने के कारण प्रतिदिन लगने वाले जाम से लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. बाजार में वैसे समय में सबसे ज्यादा जाम लगता है जब भीड़ भाड़ के समय सड़क किनारे वाहनों को खड़ा कर माल उतारा जाता है. वैसे तो हर चौक चौराहे के अलावा सड़क पर ठेला लगाने और दुकानों का माल फुटपाथ पर फैलाने से पहले ही सड़क संकीर्ण हो जाती है. उस पर बाजार में एक भी ऑटो, पिकअप ठेला, रिक्शा या कार भी प्रवेश कर जाए तो जाम की ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कि लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. इसके बावजूद प्रतिदिन बाजार में सुबह दस बजे तक सब्जी और फिर उसके बाद दुकानदारों के द्वारा भीड़-भाड़ के समय दिन में ही माल उतारा जाता है जिसके कारण बाजार में दिन में अक्सर जाम लग जाता है. सब्जी मंडी और उसके आसपास की सड़कों जैसे शिवाजी पथ, सट्टी मोड़ और पीली कोठी से लगी सड़क पर सुबह से ही सब्जी उतारने का काम किया जाता है जिसके लिए इन सड़कों पर सुबह से ही रिक्शा, ठेला, ऑटो और पिकअप की लाइन लगी रहती है, जिसके कारण इन सड़कों पर जाम लग जाता है. इन मार्गों के अलावा अन्य पथों पर भी पूरे दिन माल उतारने का सिलसिला जारी रहता है जिसके कारण बाजार में खरीदारी करने के लिए आने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सुबह में शिवाजी पथ, सट्टी मोड़ और पीली कोठी से लगी सड़क पर सब्जियों के वाहनों से लगे जाम के कारण बच्चों को स्कूल जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार तो जाम इतना भीषण रहता है कि बच्चों के वाहनों को मोड़कर दूसरी सड़क से स्कूल जाना पड़ता है. हद तो तब हो जाती है जब सब्जी और माल उतारे जाने के बाद भी खाली वाहन घंटे सड़क पर खड़े रहते हैं. बाजार की संकीर्ण सड़कों पर जाम की समस्या का आजतक कोई स्थाई निदान नहीं निकला जा सका है.अतिक्रमणकारियों का भी रहता है कब्जा :
बाजार की सड़कों पर अतिक्रमणकारियों ने भी पूरी तरह से कब्जा जमा रखा है. बाजार की सड़कों पर यहां-वहां फुटपाथ की दुकान सजा जाती हैं और जहां तहां सड़क किनारे ठेला लगाकर फल, सब्जी, नींबू सहित अन्य सामान बेचे जाते हैं. इसके बाद संकीर्ण सड़कों पर सब्जी और माल उतारने के लिए ऑटो, रिक्शा, ठेला और पिकअप वैन खड़ा करने से बाजार में तुरंत ही जाम लग जाता है. स्थिति ऐसी हो जाती है कि यहां आने वाले लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. जिला प्रशासन और नगर परिषद के द्वारा शहर में पिछले महीनों में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गयी थी, इसके बावजूद अतिक्रमण हटाये जाने के तुरंत बाद अतिक्रमणकारी फुटपाथ पर अपनी दुकान सजा लेते हैं. लाख कोशिश के बावजूद शहर को अतिक्रमणमुक्त नहीं दिया जा सका है.सड़क किनारे खड़ी रहती है बाइक और स्कूटी :
शहर में खरीदारी के लिए आने वाले लोगों के द्वारा सड़क किनारे बाइक स्कूटी और साइकिल खड़ी करने से भी आने जाने वाले मार्ग पर सड़क का अतिक्रमण होता है और सड़कों पर वाहनों और आम आदमियों के आने जाने के लिए और भी कम जगह बचती है, जिसके कारण वहां एक भी वाहन के प्रवेश से जाम लग जाता है. इस तरह शहर में जाम की स्थिति पूरे बाजार की सड़कों पर उत्पन्न होती है. शहर की सब्जी मंडी, पीली कोठी रोड, सट्टी मोड़ और शिवाजी पथ में सघन बाजार लगता है, जहां खरीदारी के लिए लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है. खरीदारी के लिए आने वाले लोग बाइक स्कूटी और साइकिल दुकानों को आगे लगा देते हैं और इस समय माल उतारने के लिए सबसे ज्यादा वाहन भी इन्ही जगहों पर लगाए जाते हैं. इन जगहों पर माल उतारने के लिए सुबह से ही वाहन खड़े कर दिए जाते हैं. सब्जी उतारने के लिए शिवाजी पथ, सब्जी मंडी, सट्टी मोड़ और पीली कोठी रोड में पिकअप, ठेला, रिक्शा और ऑटो रोज सुबह-सुबह ही लगा दिए जाते हैं जिसके कारण इन जगहों पर सुबह से ही जाम लग जाता है. सड़क किनारे बाइक खड़ी करने वालों पर भी जुर्माना लगाया गया है, किंतु शहर में बाजार के निकट कोई पार्किंग स्थल नहीं होने के कारण बाइक सवारों की भी अपनी मजबूरी है.संकीर्ण हैं बाजार की सड़कें :
जहानाबाद शहर में बाजार की अधिकांश सड़कें संकीर्ण हैं. उस पर जगह-जगह फुटपाथ और ठेले पर बाजार लगाने से सड़कें और भी पतली हो जाती हैं. वहीं बाजार आने वाले लोग जगह-जगह दुकानों के आगे अपनी बाइक के खड़ी कर देते हैं जिससे हालत यह हो जाती है कि इन सड़कों पर केवल बाइक या पैदल ही चला जा सकता है. इसके बावजूद अक्सर लोग इन सड़कों में चार पहिया वाहन घुसा देते हैं जिससे भीषण जाम लग जाता है. यह स्थिति प्रतिदिन सुबह में होता है. इसके बाद दोपहर और शाम में भी दुकानदारों को माल उतरते देखा जा सकता है जिसके कारण जाम लग जाता है. बाजार में अतिक्रमण हटाने का अभियान कई बार चलाया गया है. सदर एसडीओ, सीइओ और नगर परिषद के द्वारा कई बार बाजार से अतिक्रमणकारियों को हटाया गया है. अभियान के दौरान तो फुटपाथ से दुकानदारों को हटा दिया जाता, लेकिन अगले दिन से लोग फिर से सड़क किनारे अपनी दुकानें सजा लेते थे. पूरा शहर बाजार फुटपाथी दुकानदारों और ठेला चालकों से पटा रहता है जिसके कारण आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.चारपहिया और तिपहिया वाहनों पर रोक लगाने की है जरूरत :
मुख्य बाजार में दिन के समय बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा है. जबकि चार पहिया और तिपहिया वाहन बेरोक-टोक दिन भर आते-जाते हैं. दिन में इनके प्रवेश पर रोक नहीं लगाया गया है, जिसके कारण मेन रोड, शिजाजी पथ, सब्जी मंडी, सट्टी मोड़ और पीली कोठी रोड से लेकर मुख्य बाजार में दिन भर इन वाहनों से माल उतारने का काम बेरोक-टोक चलता रहता है जिसके कारण दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है.बड़े वाहनों में केवल ट्रैक्टर ही कर सकता है प्रवेश :
प्रशासन के निर्देशानुसार बड़े वाहन दिन में बाजार में प्रवेश नहीं कर सकते हैं. हालांकि बाजार की सड़कें इतनी संकीर्ण हैं कि बड़े वाहन के नाम पर केवल एक ट्रैक्टर ही बाजार की सड़कों पर जा सकता है और जाता भी है. हालांकि बुजुर्ग बताते हैं कि 1980 के पहले बाजार में ट्रक से माल उतारा जाता था, लेकिन बाद में लोगों ने सड़क का अतिक्रमण कर लिया जिससे सड़क और भी संकीर्ण हो गई लेकिन कभी भी बाजार में सड़कों की मापी कराकर स्थाई अतिक्रमणकारियों को चिह्नित नहीं किया गया. फिलहाल दिन में बाजार की सड़कों पर चार पहिया और तिपहिया वाहन के परिचालन पर रोक लगाने की जरूरत है, क्योंकि एक चारपहिया वाहन और ऑटो के घुस जाने से बाजार में इतना भीषण जाम लग जाता है कि लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है