अरवल.
नगर परिषद क्षेत्र में कहीं पर भी टेंपो का स्थायी स्टैंड नहीं है. जिसके कारण एनएच पर टेंपो खड़ी कर सवारी उठाना आम बात हो गयी है. चाहे एनएच 139 हो या एनएच 33 दोनों एनएच पर ऑटो खड़ी मिल जायेंगी. इस दौरान अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. यह हाल कमोबेश शहर के विभिन्न चौक चौराहों का है. सड़क पर चल रहे टेंपो स्टैंड नहीं रहने के कारण सड़क पर जाम की समस्या हर समय बनी रहती है. सड़क जाम के कारण न सिर्फ आम लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है. आश्चर्य की बात तो यह है कि इन सड़कों से जिले के तमाम वरीय अधिकारी आते-जाते रहते हैं. यहां तक की वे भी जाम की समस्या को देखते हैं. कारण भी उन्हें पता है. लेकिन इस ओर किसी प्रकार का सार्थक प्रयास प्रशासनिक स्तर पर भी नहीं किया जाता. लोगों की मानें तो कई बार जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को इस ओर ध्यान आकृष्ट भी कराया गया. लेकिन अनाधिकृत रूप से सड़क को स्टैंड बनाकर पेसेंजर को चढ़ाते है. सड़कों पर ही टेंपो खड़ा कर सवारी भरना उनकी आदतों में शामिल है. यहां तक की वे कब और कहां सड़क पर ब्रेक लगा अपनी टेंपो को खड़ा कर देंगे. यह शायद उनके पीछे वाले वाहन सवार को भी पता नहीं होता. शहर में टेंपो स्टैंड नहीं रहने के कारण अलग अलग जगह जाने के लिए अलग अलग स्टैंड बने हुए है. एनएच 33 पर प्लस टू बालिका विद्यालय के पास जहानाबाद, किंजर, इमामगंज, करपी जाने वाले लोगों के लिए मिलता है. वहीं बैदराबाद-महेंदिया जाने वालों के लिए भगत सिंह चौक के पास एनएच 139 पर सड़क किनारे खड़ी मिल जायेंगी. वही पालीगंज प्रसादी इंग्लिश तरफ जाने के लिए महावीर चौक के पास ऑटो मिलेंगी. सहार जाने के लिए बस पड़ाव से लोगों को ऑटो मिलता है.सवारियों को होती है परेशानी :
एक जगह टेम्पो स्टैंड नहीं रहने के कारण ऑटो से यात्रा करने वाले यात्रियों को फजीहत का सामना करना पड़ता है. खासकर महिलाओं को अगर वो यात्रा कर रही है और वो जहानाबाद तरफ से आयी और उन्हें पालीगंज जाना है तब ऑटो पकड़ने के लिए महावीर चौक जाना पड़ेगा. उस स्थिति में उन्हें भारी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है. अलग से रिक्शा ठीक कर जाना पड़ता है.यातायात पुलिस करती है परेशान :
सड़क किनारे ऑटो चालकों को ऑटो खड़ा करना मजबूरी है. वे नगर परिषद को हर दिन बीस रुपये टैक्स भी भरते हैं. और उन्हें नगर परिषद के तरफ से किसी प्रकार कि सुविधा नहीं मिलती है. सड़क किनारे ऑटो लगाकर पेसेंजर उतारना चढ़ाना उनकी मजबूरी है. सड़क किनारे गाड़ी ख़डी करने पर यातायात पुलिस के दंडा भी उन्हें खाना पड़ता है. लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल पाती.क्या कहते हैं अधिकारीऑटो स्टैंड के लिए जगह देखी जा रही है. फिलहाल बस स्टैंड में ऑटो चालक अपनी ऑटो लगा सकते हैं.
जगन्नाथ यादव, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, अरवलडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है