20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले के सभी पीएचसी में नहीं है एक्स-रे की व्यवस्था

जिले के सभी पीएचसी में एक्स-रे की सुविधा नहीं है जिसके कारण कुर्था, करपी, वंशी के मरीजों को एक्स-रे के लिए सदर अस्पताल रेफर करना पड़ता है.

अरवल.

जिले के सभी पीएचसी में एक्स-रे की सुविधा नहीं है जिसके कारण कुर्था, करपी, वंशी के मरीजों को एक्स-रे के लिए सदर अस्पताल रेफर करना पड़ता है. जिले में पांच पीएचसी है जिसमें एकमात्र कलेर पीएचसी में एक्स-रे की सुविधा है. बाकी के चार पीएचसी में एक्स-रे के लिए मरीजों को अरवल सदर अस्पताल जाना पड़ता है. वहीं सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे नहीं होने के कारण निजी क्लिनिक वालों की चांदी कट रही है. जिले के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे कराने के लिए मरीजों को अरवल आना पड़ता है या निजी क्लिनिक में जाना पड़ता है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे नहीं होने के कारण निजी क्लिनिक वालों की चांदी कट रही है. मरीजों को तीन सौ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है. मालूम हो कि एक तरफ प्रदेश की सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए काफी बदलाव किया है. सदर अस्पताल में एक्स-रे, अल्ट्रासॉउंड की सुविधा मरीजों को मिल रहा है, वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे तक के लिए जरूरतमंद मरीजों को निजी क्लिनिक में जाना पड़ता है. जिले के एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कलेर में एक्स-रे मशीन स्थापित है लेकिन वहां पर भी एक महीने से मरीजों को सुविधा मिल रही है.

मरीजों को जाना पड़ता है निजी क्लिनिक : सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के कारण मरीजों को निजी एक्स-रे घर में जाकर एक्स-रे कराना पड़ता है. जहां पर 250 से 300 रुपये तक फीस देना पड़ता है.

पीपी मोड पर पहले चालू था एक्स-रे : बताते चलें कि जिले में सदर अस्पताल के अलावे दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पूर्व में पीपीएम मोड में एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध थी लेकिन विगत 31 मार्च 2023 को सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में संचालित पीपीएम मोड एक्स-रे को बंद कर दिया गया. उसके बाद सरकारी स्तर पर केवल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कलेर में एक्स-रे चालू किया गया. जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अरवल, करपी, कुर्था एवं वंशी में आज तक न तो सरकारी स्तर पर और न ही वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध करायी गयी. जबकि सदर अस्पताल में आउटसोर्सिंग के तहत एक्स-रे संचालित है. एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के कारण इलाज के दौरान जब एक्स-रे करने के लिए डॉक्टर द्वारा सलाह दिया जाता है, तो ऐसी स्थिति में परिजन को परेशानी होती है क्योंकि मरीज के साथ निजी एक्स-रे घर में जाना पड़ता है.

चोटिल मरीजों को होती है परेशानी : कोई भी दुर्घटना में चोटिल मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ज्यादातर परेशानी सड़क दुर्घटना या अन्य तरह के दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी को होता है. कभी-कभार बेहोशी की हालात में रहने वाले जख्मी को दूसरे जगह पर एक्स-रे के लिए ले जाने पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पीएचसी से चोटिल और दुर्घटना में हाथ-पैर फ्रैक्चर मरीजों को केवल एक्स-रे के लिए रेफर करना पड़ता है.

क्या कहते हैं अधिकारी

पीपी मोड में संचालित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का एक्स-रे पिछले 31 मार्च से ही सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है. अभी आदर्श अचार संहिता लागू है, कुछ कह नहीं सकते.डॉ राय कमलेश्वर नाथ सहाय, सिविल सर्जन, अरवल

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें