Jehanabad News : कूड़े के मैनेजमेंट के लिए नहीं है वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट

जहानाबाद जिले में कोई भी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट नहीं है. इसके कारण कूड़े का मैनेजमेंट नहीं हो पाता है. जहानाबाद शहरी क्षेत्र में नगर परिषद, जबकि घोसी, मखदुमपुर और काको में नगर पंचायत है, किंतु नगर परिषद या किसी भी नगर पंचायत से निकलने वाले कूड़े के मैनेजमेंट के लिए कोई भी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लान नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 8, 2025 10:55 PM

जहानाबाद. जिले में कोई भी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट नहीं है. इसके कारण कूड़े का मैनेजमेंट नहीं हो पाता है. जहानाबाद शहरी क्षेत्र में नगर परिषद, जबकि घोसी, मखदुमपुर और काको में नगर पंचायत है, किंतु नगर परिषद या किसी भी नगर पंचायत से निकलने वाले कूड़े के मैनेजमेंट के लिए कोई भी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लान नहीं है, जिसके कारण शहरी क्षेत्र से निकलने वाला कूड़ा पहले नदियों में डंप किया जाता था, लेकिन बाद में उसे इधर-उधर सड़क किनारे डंप किया जाता है. प्रखंडों में तो हाल के वर्षों में नगर पंचायत का गठन किया गया है, किंतु जहानाबाद शहरी क्षेत्र में नगर परिषद कई दशकों से गठित है. बावजूद इसके अभी तक वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण नहीं कराया गया है. जहानाबाद शहरी क्षेत्र कूड़ा वर्षों पहले नदी में डंप किया जाता था, किंतु जब एनजीटी ने इस पर प्रतिबंध लगाया तो उसे शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क किनारे डंप किया जाने लगा. वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट वह संयंत्र है जिसमें लोगों द्वारा फेंके गये कूड़े को अलग-अलग तरीके के कूड़े में छांट कर इसकी प्रोसेसिंग की जाती है जिसके कारण कूड़े में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के कचरे को या तो किसी दूसरे काम में उपयोग कर लिया जाता है या फिर उसे नष्ट कर दिया जाता है जिससे वातावरण में प्रदूषण नहीं फैलता है. जहानाबाद शहर में नगरपालिका होने के बावजूद आज तक प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगाया जा सका है. पहले जहानाबाद शहरी क्षेत्र में इसे नगरपालिका के नाम से जाना जाता था किंतु बाद में इसे नगर परिषद का नाम दे दिया गया है. इधर-उधर फेंके गये कूड़े से शहर में प्रदूषण फैल रहा है. खासकर कूड़े के आसपास रहने वाले लोग इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य मार्गों से होकर गुजरने वाले लोगों को भी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है. बरसात के दिनों में बदबू आने लगती है जिसके कारण उसके आसपास रहना और उधर से होकर गुजरना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है.

वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट के लिए नहीं मिली जमीन

जहानाबाद शहरी क्षेत्र में वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगाये जाने का सबसे बड़ा कारण जमीन की अनुपलब्धता है. हालात तो यह है कि फिलहाल जहानाबाद नगर परिषद को कूड़ा डंप करने के लिए उपयुक्त जगह नहीं मिल पा रही है. दशकों पूर्व शहरी क्षेत्र से निकलने वाला पूरा कूड़ा शहरी क्षेत्र के दरधा और जमुना नदी में डंप कर दिया जाता था. बाद के वर्षों में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी के द्वारा इस पर रोक लगा दी गयी. इसके बाद से नगर परिषद के द्वारा शहरी क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में सड़क के किनारे कूड़ा डंप किया जाने लगा. हालांकि एनजीटी ने पूर्व से डंप किये गये कूड़े को हटाने का भी निर्देश दिया है जिसे आज तक पूरा नहीं किया जा सका है.

जिले में वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की है योजना

जहानाबाद जिले में भी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाने की योजना है किंतु जगह की अनुपलब्धता के कारण इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है. जिला प्रशासन के द्वारा जब घोसी रोड में गोलकपुर के समीप नगर परिषद को 4.7 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी थी तो उस पर वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की भी योजना थी. भागीरथबिगहा के पास एक एकड़ के आसपास ही जमीन थी जिसके कारण वहां पर यह प्लांट नहीं लगाया जा सकता था, किंतु 4.7 एकड़ जमीन में छोटा वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जा सकता है. इसके लिए जहानाबाद नगर परिषद के द्वारा नगर विकास विभाग को लिखा भी गया था, किन्तु इधर आसपास के ग्रामीणों के विरोध के कारण उसे जगह पर कूड़े की डंपिंग ही नहीं हो पा रही है, तो प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का मामला भी अधर में लटक गया. फिलहाल उसे जगह पर सीओ से मापी करा कर सरकारी जमीन को अलग से घेराबंदी कराने का निर्देश दिया गया है.

योजना को मंजूरी मिली तो दूर होगा संकट

नगर विकास विभाग के द्वारा नगर परिषद की योजना के मद्देनजर उक्त स्थल का निरीक्षण किया जायेगा. इसके बाद अगर वह स्थल वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लायक हुआ तो योजना को मंजूरी दी जायेगी. अगर योजना की स्वीकृति कर दी जाती है तो उक्त स्थल पर प्लांट लगाने का रास्ता साफ हो जायेगा, लेकिन इससे पहले गोरखपुर की चयनित जमीन की घेराबंदी करनी होगी या फिर कोई दूसरी जमीन चयनित कर उसे पर प्लांट लगाने का प्रपोजल विभाग के पास भेजा जायेगा.

प्रोसेसिंग प्लांट में करोड़ों का आता है खर्च

शहर से निकलने वाले कचरे के मैनेजमेंट के लिए लगाए जाने वाले वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट के लगाने में करोड़ों रुपये का खर्च आता है जिसमें ड्राई वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के तहत मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी की सुविधा रहती है, जबकि गीले कचरे के निबटारे के लिए बायो मिथिनाइजेशन अथवा कंप्रेस्ड इन प्लांट में से कोई एक प्लांट लगाया जाता है, जबकि प्लास्टिक बेस्ट का निबटारा करने के लिए ग्रेन्यूल मशीन लगायी जाती है. इस तरह वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में तीन तरह की मशीन लगाकर सूखा, गीला और प्लास्टिक के कचरे का निबटारा किया जाता है. गोलकपुर में पर्याप्त जगह होने के कारण वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की संभावना दिख रही है. अब ग्रामीणों के विरोध के बाद वहां कब तक सरकारी जमीन की घेराबंदी की जायेगी यह तो समय ही बतायेगा.

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