पारिवारिक कलह में युवक ने फांसी लगा दी जान
कड़ौना थाना क्षेत्र के चमनबिगहा में गुरुवार की रात पारिवारिक कलह में आकर एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक दुखन दास का पुत्र धर्मेंद्र कुमार (18 वर्ष) बताया जाता है जिसके गले में फांसी के फंदा का निशान पाया गया हैं.
जहानाबाद.
कड़ौना थाना क्षेत्र के चमनबिगहा में गुरुवार की रात पारिवारिक कलह में आकर एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक दुखन दास का पुत्र धर्मेंद्र कुमार (18 वर्ष) बताया जाता है जिसके गले में फांसी के फंदा का निशान पाया गया हैं. घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया लेकिन परिजन पुलिस पर मृतक के माता-पिता को बेवजह जेल भेजने का आरोप लगा गुस्से का इजहार करते हुए घंटों शव को उठाने नहीं दिया, फिर पुलिस पदाधिकारी के समझाने-बुझाने के बाद परिजन का गुस्सा शांत हुआ और पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया. मृतक का बड़ा भाई रामाशीष कुमार ने बताया है कि पति-पत्नी के बीच बराबर झगड़ा-झंझट होते रहता था. पारिवारिक कलह के कारण हमेशा तनाव में रहता था. इधर, दूसरा भाई गांव के ही लड़की को भगा ले गया था. इसके बाद लड़की के परिजन ने स्थानीय थाने में भाई व माता-पिता पर लड़की के अपहरण करने का मामला दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी के आलोक में पुलिस भाई, माता व पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जिसके कारण भी परिवार में वाद-विवाद होते रहता था. कमाऊ परिवार के जेल जाने से घर में आर्थिक तंगी आ गयी थी जिससे हाल के दिनों में मृत युवक काफी तनाव में रहता था और इसी के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया. इधर, थानाध्यक्ष पवन कुमार दास ने बताया है कि मृत युवक पहले से ही विक्षिप्त था और ऐसी घटना को अंजाम देने की कोशिश की थी. थानाध्यक्ष ने पुलिस पदाधिकारी पर लग रहे आरोप के बाबत बताया है कि जिस लड़के को पॉक्सो एक्ट में जेल भेजा गया है, वह दो-दो बार लड़की को लेकर फरार हो गया था और माता-पिता हमेशा उसके संपर्क में रहते थे. पुलिस अनुसंधान में उनकी कांड में संलिप्तता आने के बाद जेल भेजा गया है. इधर, बसपा के प्रदेश महासचिव व्यास मुनि दास ने प्रेम-प्रसंग के मामले में पैसा नहीं मिलने पर मां-बाप को झूठ मुकदमे में पुलिस पदाधिकारी द्वारा फंसाये जाने का आरोप लगाते हुए एसपी से जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि थाने में तैनात एएसआइ हरिहर दास ने कांड में 50 हजार रुपये की मांग की थी. पैसा नहीं मिलने के कारण मृतक के माता-पिता को मुकदमा में बेवजह फंसाया गया है जिसके कारण इतनी बड़ी घटना घटी है.
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