झंझारपुर जज पिटाई मामाला: CID ने बंद कमरे में कैमरे के सामने ADJ से की तीन घंटे तक पूछताछ

झंझारपुर में एडीजे की चेंबर में घुसकर हुई पिटाई के मामले में सीआइडी ने जांच शुरू कर दी है. शुक्रवार को झंझारपुर पहुंची सीआईडी की टीम ने बंद कमरे में कैमरे के सामने एडीजे (प्रथम) अविनाश कुमार से लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2021 7:37 PM

पटना. झंझारपुर में एडीजे की चेंबर में घुसकर हुई पिटाई के मामले में सीआइडी ने जांच शुरू कर दी है. शुक्रवार को झंझारपुर पहुंची सीआईडी की टीम ने बंद कमरे में कैमरे के सामने एडीजे (प्रथम) अविनाश कुमार से लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की.

इस मामले में पुलिस प्रशासन और कोर्ट आमने-सामने आ गया है. हाईकोर्ट की सहमति से सरकार ने इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी है. स्थानीय पुलिस प्रशासन ने हाईकोर्ट की नाराजगी इस कदर है कि कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि सीआईडी के एसपी इस मामले की जांच करें और उसमें मधुबनी पुलिस का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये. उसके बाद सीआईडी की टीम एक्शन में आय़ी है.

बताया जाता है कि शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे अचानक सीआइडी की पूरी टीम कोर्ट पहुंची. इस टीम में सीआईडी के एसपी शैलश, एएसपी राजेश कुमार के साथ दो इंस्पेक्टर और दो वीडियोग्राफर थे. सीआईडी की पूरी टीम एडीजे(वन) अविनाश कुमार के चेंबर में पहुंची. फिर उनसे बंद कमरे में पूछताछ शुरू हुई. सीआईडी की टीम करीब तीन घंटों तक बंद कमरे में कैमरे के सामने जज से पूछताछ करती रही.

पूछताछ के बाद बाहर निकले सीआईडी अधिकारियों ने इस बाबत कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. एडीजे वन अविनाश कुमार से पूछताछ के बाद सीआईडी की टीम एसीजेएम प्रथम अजय शंकर प्रसाद के कक्ष में पहुंची.

हालांकि एसीजेएम उस समय इजलास में न्यायिक कार्य कर रहे थे. जब वे वापस अपने चेंबर में पहुंचे तो सीआईडी की टीम ने उनसे लगभग 10 मिनट तक बात की औऱ फिर वहां से निकल गयी. सीआइडी के एसपी ने कहा कि उन्होंने घटना के संबंध में एडीजे अविनाश कुमार से बात की है.

गौरतलब है कि पिछले 18 नवंबर को एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के कक्ष में पुलिसकर्मियों ने हमला कर दिया था. शोर शराबा सुनकर एडीजे के कक्ष में घुसे वकीलों ने देखा था कि घोघरडीहा के तत्कालीन थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और एसआइ अभिमन्यु कुमार शर्मा एडीजे के साथ गाली गलौज औऱ मारपीट कर रहे हैं.

दरोगा ने जज पर पिस्तौल भी निकाल रखा था. इसके बाद एडीजे ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दोनों पुलिसवालों को निलंबित कर जेल भेज दिया गया है. इस मामले पर पटना हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था और हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है. हाईकोर्ट की मंजूरी पर मामले की सीआईडी से जांच करायी जा रही है.

Posted by Ashish Jha

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