झारखंड: कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे चार लोगों की मौत, तीन गंभीर, सभी बिहार के रहने वाले
हजारीबाग में कोयले की अंगीठी जलाकर सो रहे 4 लोगों की मौत हो गई. जबकि तीन गंभीर बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई है. सभी बिहार के रहने वाले थे.
Jharkhand News: हजारीबाग कटकम दाग थाना क्षेत्र के रसूलीगंज में सात लोग बुधवार की रात कोयले की अंगीठी जलाकर सोये थे. ठंड के कारण उन्होंने अंगीठी जलाकर दरवाजा बंद कर लिया था, लेकिन सुबह उठे ही नहीं. सुबह जब देर होने के बाद भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो, बगल के लोगों ने आवाज लगाई. फिर भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो, लोग दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे. लोगों ने पाया कि सभी बेहोश पड़े हैं. जिसके बाद सभी को आरोग्यम अस्पताल में भर्ती कराया गया. इनमें चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि तीन गंभीर बताए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, सभी बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं. सभी किसी कंपनी के सेल्स बॉय के रूप में काम करते हैं, जो प्रोडक्ट को घूम घूम कर बेचते थे. इसी सिलसिले में वे झारखंड के हजारीबाग जिला पहुंचे थे.
किराये के मकान में रहते थे सभी
घटना हजारीबाग जिले के कटकमदाग थाना क्षेत्र के सिरसी गांव की है, जहां बिहार के 7 युवक किराये के मकान में रहते थे. सातों युवक नेटवर्किंग और प्रोडक्ट बेचने का काम करते थे और एक साथ रहते थे. मरने वालों में राकेश कुमार, अरमान अली, अखिलेश कुमार और प्रिंस कुशवाहा शामिल हैं. कटकमदाग पुलिस ने चारों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज भेजा है.
मकान मालिक ने क्या बताया
मकान मालिक राहुल कुमार ने बताया कि 21 दिसंबर की सुबह जब कमरे से कोई नहीं निकल रहा था, तो हमने कमरे को खोलने के लिए आवाज दिया. कमरे से कोई आवाज नहीं आने पर दरवाजा को तोड़कर अंदर गया तो देखा कि सभी लोग बेहोश पड़े हुए हैं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. तीन लोग जीवित थे, जिन्हें अस्पताल भेजा गया है. शहर के आरोग्यम अस्पताल में तीनों युवक रोहित कुमार, राकेश कुमार और सलमान का इलाज चल रहा है.
कोयला जलाकर सोने से क्यों हो जाती है मौत
हर साल ठंड में इस तरह के हादसे होते हैं. हर बार लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है कि कोयले की अंगीठी बंद कमरे में नहीं जलाएं, इससे जान को खतरा है. फिर भी हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे. अभी तो ठंड की शुरुआत है, ऐसे में प्रभात खबर भी आप लोगों से अपील करता है कि कमरे में कोयला जलाकर न सोए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोयला जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती है. ये गैस स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा हानिरकारक है. इन विषाक्त गैसों के प्रभाव से लोग कोमा में जा सकते हैं. इतना ही नहीं कोयले के जलने से निकलने वाला कार्बन मोनोऑक्साइड सांस के माध्यम से हमारे ब्लड में मौजूद हीमोग्लोबिन में मिल जाता है और कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन बनाता है. यह हमारे शरीर में रक्त की ऑक्सीजन-वहन क्षमता को कम करता देता है. जिससे हमारे मस्तिष्क तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है और दम घुटने से मौत हो जाती है. यही कारण है कि कोयला जलते एक बंद कमरे में न सोने की सलाह दी जाती है.
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