24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सारंडा में नक्सली करमचंद संभालता था किशन दा की सुरक्षा की जिम्मेदारी, 5 KM तक बिछा होता था लैंडमाइंस

एक करोड़ का इनामी नक्सली किशन दा की गिरफ्तारी से नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है. किशन दा की सुरक्षा की जिम्मेवारी नक्सली कर्मचंद हांसदा उर्फ चमन उर्फ लंबू ने थाम रखी थी. वहीं, संगठन के लोग 5 किमी दूर तक लैंडमाइंस का जाल बिछा दिया करते थे.

Jharkhand News (चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम) : सरायकेला- खरसावां जिले के कांड्रा से गिरफ्तार नक्सली संगठन माओवादी पोलित ब्यूरो व केंद्रीय कमेटी के सदस्य किशन दा उर्फ प्रशांत बोस न केवल संगठन के थिंक टैंक माने जाते हैं, बल्कि उनकी पत्नी शीला मरांडी भी संगठन के केंद्रीय कमेटी की सदस्य हैं. ऐसे में दोनों की गिरफ्तार से संगठन को बड़ा झटका लगा है.

कहा जाता है कि किशन दा उर्फ प्रशांत बोस लंबे समय से बीमार चल रहे हैं. वहीं, काफी बुजुर्ग हो जाने के कारण संगठन के लोग डोली या अन्य कुर्सी पर बिठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते थे. इस संगठन को खड़ा करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. उस समय से अब तक नक्सलवाद की लड़ाई में शामिल थे. बाद के दिनों में उन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर लाने व ले जाने के लिए संगठन के लोग पालकी का उपयोग करते थे.

सूत्रों के अनुसार, किशन दा जहां रहते थे, संगठन के लोग वहां से 5 किमी दूर तक लैंडमाइंस का जाल बिछा दिया करते थे. उनकी सुरक्षा की अधिकतर जिम्मेदारी कर्मचंद हांसदा उर्फ चमन उर्फ लंबू ने थाम रखी थी.

Also Read: Jharkhand Naxal News: एक करोड़ का इनामी नक्सली किशन दा पत्नी के साथ सरायकेला से गिरफ्तार, वर्षों से थी तलाश
5 दशक से करते रहे संगठन विस्तार

किशन दा उर्फ प्रशांत बोस करीब 5 दशक से झारखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओड़िशा व बिहार सहित अन्य राज्यों में संगठन विस्तार करते रहे. साथ ही पुलिस बलों पर बड़े हमले में भी शामिल रहे हैं. इसके अलावा अन्य कई अमानवीय घटनाओं में शामिल रहे हैं. उन्हें संगठन के लोगों ने पिछले करीब एक दशक से स्थान बदल- बदल कर पश्चिम सिंहभूम जिले के सबसे सुरक्षित स्थान माने कहे जाने वाले सारंडा, पोड़ाहाट व कोल्हान के जंगलों में सुरक्षित ठिकाने पर रखा था.

15 साल पूर्व ओड़िशा से गिरफ्तार हुई थी शीला मरांडी

सारंडा में किशन दा उर्फ प्रशांत बोस की सुरक्षा की जिम्मेदारी कुख्यात नक्सली चमन उर्फ लंबू उर्फ करमचंद के हाथों में थी. इसी बीच किशन दा की पत्नी शीला मरांडी को भी करीब 15 साल पूर्व पुलिस ने ओड़िशा से गिरफ्तार किया था. इधर, राज्य सरकार ने किशन दा उर्फ प्रशांत बोस के अलावा केंद्रीय कमेटी के सदस्य मिसिर बेसरा व अनल दा उर्फ पतिराम मांझी पर एक-एक करोड़ का इनाम घोषित कर रखा है, जबकि चमन उर्फ कर्मचंद हांसदा पर 25 लाख का इनाम घोषित किया गया है.

3 साल पहले दो दिन तक चले मुठभेड़ में बच निकले थे किशन दा

सारंडा व कोल्हान के रिजर्व वन क्षेत्र के जंगल में अप्रैल 2018 में किशन दा उर्फ प्रशांत बोस समेत कई बड़े नक्सलियों को घेरने के लिए सुरक्षा बल व जिला पुलिस की टीम ने बड़ा ऑपरेशन चलाया था. उस दौरान सुरक्षा बलों व नक्सलियों के बीच गोइलकेरा थाना क्षेत्र के बोरोई पहाड़ी पर आमने-सामने घंटों मुठभेड़ चला था. वहीं, पुलिस व सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख किशन दा उर्फ प्रशांत बोस व कई बड़े नक्सली अपना स्थायी कैंप छोड़ भाग निकले थे.

Also Read: Jharkhand Naxal News: 100 से अधिक नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड किशन दा की झारखंड समेत इन राज्यों में है धमक

इस मुठभेड़ के दौरान पोलित ब्यूरो एवं केंद्रीय कमेटी के सदस्य प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, मिसिर बेसरा उर्फ सुनिर्मल उर्फ भास्कर, सुधाकरण, विवेक दा, अनल दा, मोछू, चमन, जीवन कंडुलना, महाराज प्रमाणिक, संदीप यादव, कांडे, सुरेश मुंडा, अमित मुंडा, सलुका कायम समेत करीब 100 महिला व पुरुष नक्सली शामिल थे.

इन नक्सलियों के खिलाफ गोइलकेरा थाना में पुलिस दल पर हत्या की नीयत से अत्याधुनिक हथियार से गोली, बम, लैंडमाइंस विस्फोट कर जवानों को घायल करने, सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा करने, लेवी लेने, देश व राज्य विरोधी नारे लगाने, देश का कानून नहीं मानने सहित कई मामलों प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी में यह भी कहा गया था कि संगठन के लोग नक्सली किशन दा को मुठभेड़ स्थल से सुरक्षित निकालने में कामयाब रहे.

19 साल पहले किशन दा को बचाने के लिए नक्सलियों ने की थी आइडी ब्लास्ट

उक्त प्राथमिकी के अनुसार, कोबरा 203 बटालियन की चार टीम 13 अप्रैल को गोइलकेरा पहुंची थी, जहां से पूर्व निर्धारित लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए रात करीब 2 बजे आराहासा पहुंची. यहां से कोबरा की चार टीमों को दो ग्रुप में बांट अलग-अलग दिशा में लक्ष्य की ओर बढ़े. वहीं, 14 अप्रैल को बोरोई गांव के समीप दिनभर जंगल में सर्च अभियान चलाया रहा व रात होने पर चारों टीम बोरोई जंगल में ही लूप लेकर बैठ गयी.

Also Read: कड़ी सुरक्षा घेरा में रहनेवाले इनामी नक्सली किशन दा को कितना जानते हैं आप, जानें इनका सेफ जोन एरिया

इसके बाद 15 अप्रैल की सुबह करीब 6 बजे चारों टीम बोरोई की पहाड़ी पर सर्च कर आगे बढ़ ही रही थी कि सामने की पहाड़ी से नक्सलियों ने अंधाधुंध फायर व आईडी विस्फोट करने लगे. वे अपने साथियों को बोल रहे थे कि सारा हथियार लूट लो. पुलिस ने भी आत्मरक्षार्थ गोली व मोर्टार से हमला किया जिससे घबराकर नक्सली पीछे हटे तथा शाम 5 बजे गोलीबारी बंद होने के बाद नक्सलियों की घेराबंदी कर बोरोई पहाड़ पर रात में लूप लिया गया व उच्चाधिकारियों से और पुलिस बल की मांग की गयी.

वहीं, 16 अप्रैल को कोबरा 209 बटालियन की दो और टीम पहुंची व सभी जवानों के साथ बढ़ते हुए नक्सलियों की स्थायी कैंप की तरफ बढ़ रहे थे कि अचानक नक्सली मिसिर बेसरा ने अपने साथियों से पुलिस को आगे बढ़ने नहीं देने की आवाज लगायी. इस पर अनल दा ने कहा था कि मिसिर दा आप चिंता न करें. आप किसी प्रकार किशन दा उर्फ प्रशांत बोस को घेरा बनाकर सुरक्षित बचाकर रखें.

दोनों ओर से हुई थी भीषण मुठभेड़

मिसिर बेसरा ने जोर से आवाज देकर मोछू, विवेक, संदीप यादव व चमन को कहा था कि तुम लोग बायें तरफ से एवं आगे से मोर्चा संभालकर पुलिस की घेराबंदी करो. वहीं, मिसिर दा ने जीवन कंडुलना, महाराज प्रमाणिक व सुरेश दा से कहा कि तुम सब पुलिस पर LMG से फायर कर व आईडी ब्लास्ट करो. लिहाजा आत्मरक्षार्थ पुलिस के जवानों ने भी जबाबी फायर किया. मोर्टार व एचई बम दागे. जिससे नक्सली इधर-उधर भागते हुए गोलीबारी बंद की. इसके बाद कोबरा व पुलिस के जवान नक्सली कैंप की ओर बढ़ने लगे.

Also Read: नक्सलियों के गढ़ गुमला के राजाडेरा में काटे गये 100 से अधिक सखुआ के पेड़, CM हेमंत सोरेन तक पहुंचायी बात
सुरक्षा बलों ने खोज निकाले थे 100 आईडी बम

उसी समय मिसिर बेसरा व सुधाकरन ने जीवन कंडुलना तथा महाराज प्रमाणिक को आवाज लगाकर गोली चलाने व आइडी ब्लास्ट करने को कहा. इसके तुरंत बाद नक्सलियों ने एक शक्तिशाली आईडी ब्लास्ट कर दिया. इसपर जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी फायरिंग कर मोर्टार और एचई बम दागे. इसपर नक्सलियों को कैंप छोड़कर भागना पड़ा था. नक्सलियों के भागने के बाद नक्सलियों द्वारा लगाये गये करीब 100 आईडी बम खोज निकालने के बाद नष्ट किया गया. साथ ही कैंप से भारी मात्रा में सामान भी बरामद किया गये थे.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें