बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के सबसे बड़े रणनीतिकार अमित शाह से मुलाकात की. बड़ी बात ये है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विपक्षी एकता को लेकर आज दिल्ली में ही हैं. इसे लेकर वो लालू प्रसाद यादव (Lalu prasad Yadav), राहुल गांधी (Rahul Gandhi), मल्लिकार्जुन खड़गे और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर चुके हैं. वहीं, नीतीश कुमार के एक्टिव मोड को लेकर बीजेपी भी विपक्ष में सेंध लगाने की तैयारी में लग गयी है. ऐसे में बिहार में राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
जीतनराम मांझी के अमित शाह से मिलने को लेकर जहां तरह-तरह की बातें हो रही हैं. वहीं, पार्टी की तरफ से बताया गया है कि पार्टी प्रमुख केंद्रीय गृहमंत्री से बिहार के महापुरुषों को भारत रत्न दिलाने की मांग को लेकर अमित शाह से मुलाकात करने के लिए जा रहे हैं. इसे लेकर वो उनसे मिलने के बाद एक ज्ञापन सौपेंगे. हालांकि, पार्टी की दलील पर लोग कम भरोसा कर रहे हैं. गौरतलब है कि जीतन राम मांझी राजनीतिक दबाव बनाने में माहिर हैं. ऐसे में समझा जा रहा है कि वो नीतीश कुमार पर महागठबंधन में अपने लिए सम्मान जनक जगह की तलाश में दबाव बनाने की मांग कर सकते हैं.
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बता दें कि कुछ दिनों पहले एक सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुले मंच से जीतन राम मांझी पर भाजपा की ओर से डोरे डालने का आरोप लगाया था. हालांकि, जीतन राम मांझी कई बार कह चुके हैं कि वो नीतीश कुमार का साथ किसी हाल में नहीं छोड़ेगे. मगर, ऐसे वक्त में जब नीतीश कुमार खुद दिल्ली में बैठकर विपक्ष की एकता के लिए मिशन मोड में काम कर रहे हैं, जीतन मांझी का अचानक ज्ञापन देने का प्रोग्राम बनना कई सावल उठा रहे हैं. बड़ी बात ये है कि हाल ही के दिनों में जीतन राम मांझी ने अपने बेटे संतोष सुमन को तेजस्वी यादव से ज्यादा काबिल भी बताया था.