पटना. शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के फिर से विभाग में कार्यभार संभालने पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने खुशी जताई है. पूर्व सीएम मांझी ने केके पाठक की वापसी को दलितों की शिक्षा के लिए शुभ संकेत बताया है. उन्होंने कहा है कि अगर केके पाठक जैसे पदाधिकारी मुख्य सचिव बन जाएं तो बिहार का भला हो जाएगा. जीतन राम मांझी ने इशारों ही इशारों में केके पाठक को मुख्य सचिव बनाने की मांग कर दी है.
मंत्री और सचिव के बीच चला था लंबा विवाद
दरअसल, शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक और विभाग के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. इसी बीच, केके पाठक अचानक लंबी छुट्टी पर चले गए थे. केके पाठक के छुट्टी पर जाने के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि पाठक विभागीय मंत्री से नाराज है, इसलिए छुट्टी पर चले गए हैं. कुछ मीडिया संस्थानों ने तो यहां तक फर्जी खबर चला दिया था कि केके पाठक ने पद से इस्तीफा दे दिया है.
चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग छीन लिया
इस बीच, 11 दिन की छुट्टी से लौटने के बाद केके पाठक ने शिक्षा विभाग के एसीएस का चार्ज फिर से संभाल लिया. उधर, केके पाठक के आते ही सीएम नीतीश ने चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग छीन लिया और आलोक मेहता को शिक्षा मंत्री बना दिया. बिहार की सियासत में इसको लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं. हालांकि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने केके पाठक की वापसी पर खुशी जताई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है.
लालू यादव पर साधा निशाना
हम के संयोजक जीतन राम मांझी ने एक्स पर लिखा कि, ‘केके पाठक वापसी बिहार के गरीबों, वंचितों खास कर दलितों के शिक्षा के लिए शुभ संकेत है. वैसे लालू यादव जी का कुनबा नहीं चाहता था कि यह तबक़ा पढ़े. बदलाव के लिए धन्यवाद नीतीश जी. अच्छे काम की तारीफ होनी चाहिए. पाठक जी जैसे पदाधिकारी यदि मुख्य सचिव बन जाएं तो राज्य का भला हो जाएगा’. अपने इस ट्वीट के जरिए मांझी ने इशारों ही इशारों में केके पाठक को बिहार का मुख्य सचिव बनाने की मांग कर दी है.