मुजफ्फरपुर. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जब से ब्राह्मणों के ऊपर विवादित बयान दिया है, तब से ब्राह्मण समाज विभिन्न तरीके से इसका विरोध कर रहे हैं. ताजा मामला मुजफ्फरपुर का है. यहां एक दिन पूर्व जहां मांझी का पुतला दहन किया गया था.
वहीं अब बाबा गरीबनाथ मंदिर के ब्राह्मणों ने उनकी अर्थी निकाली. इसके साथ ही उनका जीतेजी पिंडदान भी कर दिया. बाबा गरीबनाथ मंदिर से होकर निकाली गयी ये अर्थी यात्रा में काफी संख्या में ब्राह्मण शामिल हुए.
ब्राह्मणों ने कहा कि मांझी का बयान बेहद निंदनीय है. उनको बोलने से पहले यह सोचना चाहिए था कि उनके बाप -दादा का श्राद्ध किसने कराया. उनके बच्चों की शादी किसने करायी. आये दिन हिंदू की आस्था से खिलवाड़ किया जाता है. यह सब बहुत ही निंदनीय है.
मंदिर के महंत अभिषेक पाठक ने कहा कि बार-बार उनको चेतावनी दे रहा हूं कि कम से कम भगवान से और हिंदू की आस्था से खिलवाड़ ना करें, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं है. उनको आज फिर चेतावनी दे रहा हूं कि ब्राह्मणों को गाली ना दें.
हम उनसे यह पूछना चाहते है कि उनके बाबूजी और इनके दादा जी का श्राद्ध कर्म किसने कराया. पंडितों ने कराया या उनके समाज के लोगों ने, उनके बच्चों की शादी किसने करायी, पंडितों ने कराया या उनके समाज के लोगों ने.
राजनीति के लिए किसी जाति या धर्म को गाली देने की परंपरा बंद होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि जीतनराम मांझी की अर्थी यात्रा पूरे शहर में निकाला गया है. इस दौरान मांझी के खिलाफ नारेबाजी भी की गयी.
मालूम हो कि जीतनराम मांझी ने पिछले दिनों एक सभा में ब्राहमण को लेकर आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया था. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि उस शब्द का उन्होंने ब्राहमण के लिए नहीं बल्कि अपने समाज के लिए प्रयोग दिया था. इसके बावजूद ब्राह्मण समाज उनके बयान के बाद गुस्से में है.
Posted by Ashish Jha