Jitan Ram Manjhi : बिहार के गया लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल करने वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के जीतन राम मांझी ने देश के संविधान के मुताबिक मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ले ली है. केंद्रीय मंत्री बनने से पहले जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. गया निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले जीतन राम मांझी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के कुमार सर्वजित को 1,01,812 वोटों से पराजित किया है.
शुरुआती जीवन
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का जन्म 6 अक्टूबर 1944 को गया जिले के खिजरसराय के महकार गांव में रामजीत राम मांझी और सुकरी देवी के घर हुआ था. उनके माता-पिता मुसहर जाति के खेतिहर मजदूर थे. जीतन राम मांझी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक शिक्षक से प्राप्त की. फिर उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की. इसके बाद मांझी ने 13 साल तक गया के टेलीफोन एक्सचेंज में भी काम किया.
मुख्यमंत्री कार्यकाल
2014 में लोकसभा चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) के खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री नियुक्त किया. मांझी का कार्यकाल विवादों से भरा रहा. वो 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक ही मुख्यमंत्री रहे. लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले भी लिए, जिनका उद्देश्य समाज के गरीब और पिछड़े तबके को लाभ पहुंचाना था.
जदयू से अलग नई पार्टी का गठन
नीतीश कुमार से मतभेद के चलते जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था. इसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) की स्थापना मई 2015 में की. पार्टी का उद्देश्य बिहार के दलितों, पिछड़े वर्गों को लाभ पहुंचाना है. इससे पहले जीतन राम मांझी ने बिहार के कई सीएम के साथ काम किया और कई बार विभिन्न मंत्री पद पर भी रहे. जीतन राम मांझी ने 2009, 2024 और 2020 में भी लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. इस बार वो पहली बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं.