जीतनराम मांझी के पार्टी प्रवक्ता ने गवाही देने जा रही सुषमा को मारी गोली, लड़की ने की दानिश की पहचान
जीतनराम मांझी के पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान पर रांची हाईकोर्ट में गवाही देने जा रही लड़की को गोली मारने का आरोप लगा है. लड़की का नाम सुषमा बड़ाइक है. सुषमा ने बताया कि उसपर हमला करने वाले बाइक सवार तीन लोगों में एक हिंदुस्तानी आवाम पार्टी (हम) का प्रवक्ता दानिश रिजवान है.
जीतनराम मांझी के पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने रांची हाईकोर्ट में गवाही देने जा रही लड़की को गोली मार दी. लड़की का नाम सुषमा बड़ाइक है. सुषमा ने अपने परिवार वालों को बताया कि उसपर हमला करने वाले बाइक सवार तीन लोगों में एक हिंदुस्तानी आवाम पार्टी (हम) का प्रवक्ता दानिश रिजवान है. गौरतलब है कि सुषमा ने दानिश पर यौन शोषण का भी आरोप लगाया है. वो उन्हें अपने छोटे बेटे सोनू का पिता बताती है. उन्होंने पहले ही, दानिश रिजवान के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में धमकी सहित अन्य कई मामलों में छह प्राथमिकी दर्ज कर रखी है. सुषमा की बड़ी बहन माया बड़ाईक ने पूर्व में धमकी और प्राथमिकी की बात को भी हटिया डीएसपी राजा मिश्रा को बताया. मामले में सुषमा के भाई सिकंदर बड़ाइक के बयान पर दानिश रिजवान, नीरज सिन्हा, मो. नाजिर और अजय कच्छप के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
हाईकोर्ट में गवाही देने जा रही थी सुषमा
ये घटना मंगलवार की सुबह 9.30 बजे शहर के सबसे व्यस्तम सहजानंद चौक के पास हुई. सुषमा अपने सरकारी बॉडीगार्ड के साथ हाईकोर्ट में गवाही देने जा रही थी. इस दौरान बाइक सवार तीन अपराधियों ने उसे गोली मार दी. सुषमा को दो गोली दायी छाती में लगी है. डॉक्टरों के अनुसार इससे उसका फेफड़ा क्षतिग्रस्त हो गया है. लेकिन हॉर्ट बच गया है. तीसरी गोली उसे छूकर निकल गयी. बाइक चला रहे सरकारी बॉडीगार्ड हिलारियुस टोपनो को भी छर्रा लगा है. इसके बाद उसे रिम्स में भर्ती कराया गया. जहां से उसे मेडिका अस्पताल में रेफर कर दिया गया. गोली चलाने वाले तीनों लोगों की पहचान सुषमा ने की है.
50 से अधिक लोगों पर लगाए हैं बलत्कार और यौन शोषण का आरोप
सुषमा बड़ाइक ने 50 से ज्यादा लोगों पर बलात्कार और यौन शोषण का आरोप लगाया है. वो सबसे पहले आईपीएस अधिकारी पीएस नटराजन पर यौन शोषण का आरोप लगा चर्चा में आयी थी. पुलिस का कहना है कि सुषमा ने कई हाई प्रोफाइल लोगों पर यौन शोषण या बलात्कार के आरोप लगाये हैं. हो सकता है कि इसकी वजह से ही उस पर हमला किया गया हो. हालांकि, जब तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक इसके कारणों के बारे में स्पष्ट तौर पर कहना मुश्किल है.