महागठबंधन में बवाल: कुशवाहा के बाद मांझी ने खोला मोर्चा, कहा- मेरा बेटा ज्यादा पढ़ा-लिखा, सीएम क्यों न बने ?
Jitan Ram Manjhi ने कहा कि मेरा बेटा सीएम पद के लिए प्रस्तावित दूसरे नामों से ज्यादा पढ़ा लिखा है. जो लोग सीएम पद की दौड़ में लगे हैं उन्हें वो पढ़ा सकता है.
महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने सीएम पद पर अपने बेटे की दावेदारी पेश कर बिहार में सियासी हलचलें बढ़ा दी है. जीतन राम मांझी ने कहा है कि -मेरा बेटा ज्यादा पढ़ा लिखा है, इसलिए हम संतोष का नाम मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित करते हैं.
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी गुरुवार को अपने गरीब संपर्क यात्रा के क्रम में अरवल में थे. अरवल में उन्होंने सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे समाज के लोगो को जब तक प्रतिनिधित्व करने का अवसर नहीं दिया जायेगा तब तक समाज का उत्थान नहीं होगा. 75 वर्षो में कई सरकारें आईं, लेकिन हमारे समाज के लोगों को मौका नहीं मिला. हमारे लोग 9 महीना आये, लेकिन वह लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ.
आज इसीलिए हम अपने बेटे संतोष का नाम प्रस्तावित करता हूं. वो औरों से ज्यादा पढ़ा लिखा है.वैसे लोगों को पढ़ा सकता है, जिनके नाम सामने आते हैं. संतोष प्रोफेसर है.वह सीएम क्यों नहीं बन सकता. क्योंकि वह भुइयां जाति से आता है.उन्होंने कहा कि जब तक बिहार का सीएम दलित समाज से नहीं होगा गरीब तबके के लोगों का विकाश नहीं होगा. जिसकी आबादी 90 प्रतिशत है.