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जीतन राम मांझी ने CM नीतीश को दिया गुरुमंत्र दिया, बोले- बस ऐसा करें मुख्यमंत्री हर बाधाएं होगी दूर

जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार से ठेके में दलितों की हिस्सेदारी बढ़ाएं. इसके साथ ही एक करोड़ रुपए तक के ठेके में SC-ST समुदाय से आने वाले लोगों को आरक्षण भी दिया जाए. ऐसा करने पर वे साल 2025 में दोबारा सत्ता में आएंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2022 10:00 AM

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार को साल 2025 में भी सीएम बनने का गुरुमंत्र दिया है. दरअसल, पार्टी स्थापना के सात साल पूरे होने पर बोधगया में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. समारोह में बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद रहे. इसी दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम मांझी ने नीतीश कुमार को साल 2025 में भी मुख्यमंत्री बनने का राजनीतिक नुस्खे की नसीहत दी.

‘बस ऐसा करें नीतीश, 2025 में भी बनेंगे सीएम’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार से ठेके में दलितों की हिस्सेदारी बढ़ाएं. इसके साथ ही एक करोड़ रुपए तक के ठेके में SC-ST समुदाय से आने वाले लोगों को आरक्षण भी दिया जाए. हम प्रमुख ने आगे कहा कि महिलाओं, अल्पसंख्यक और दलितों को आरक्षण का भरपूर लाभ दीजिए, अगर आपने ऐसा कर दिया नीतीश कुमार ने ऐसा कर दिया तो, साल 2025 में भी वे (नीतीश कुमार )मुख्यमंत्री बनेंगे.

सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख ने इस दौरान अपने मुख्यमंत्री काल को भी याद किया और अपनी उपलब्धियों को गिनाया. जबकि भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए. उन्होंने सरकार पर लगाए गए आरोपों की जांच करने की चुनौती भी दी. हम प्रमुख मांझी ने आगे कहा कि अगर नीतीश को मेरी बातों पर भरोसा नहीं है, तो वे इसकी उच्च स्तरीय जांच करा लें. अगर मेरी बात गलत साबित हुई तो नीतीश कुमार जो भी सजा मुकर्रर करेंगे. वो उनको मंजूर होगा.

एससी-एसटी को नौकरी में मिले प्राथमिकता

जीतन मांझी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना में बहुत घूसखोरी है. बिहार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाती यानी SC-ST का अब तक विकास नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार में विभिन्न दलों के लोग आजकल बड़े-जोर शोर से चालीस लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा कर रही है. लेकिन सच तो यह है कि बिहार में इतनी संख्या में सरकारी नौकरी है ही नहीं. हालांकि संविदा पर नौकरियां है. जिसमें एससी-एसटी समाज के लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. इसके अलावे जिन जातियों को विकास दर पंद्रह प्रतीशत से कम है, उन्हे विशेष सुविधाएं मिलनी चाहिए. ऐसे समाज के लोगों को भत्ता भी मिलनी चाहिए. इसके बिना बिहार में विकास की कल्पना करना संभव ही नहीं है.

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