‘KK Pathak साहेब बस इतना कर दिजिए..’, जीतनराम मांझी ने विधायक- मंत्री के बच्चों के लिए दिए सुझाव..
बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने अपर मुख्य सचिव के के पाठक की खुलकर तारीफ की है. जीतन राम मांझी ने के के पाठक के काम की सराहना की और उनके सामने एक मांग रख दी है. उन्होंने विधायक और मंत्री समेत जानिए किनके बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने कहा
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक (KK Pathak) के काम की तारीफ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने की है. जीतनराम मांझी ने के के पाठक की तारीफ में एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने अपनी ओर से कुछ सुझाव भी दिए हैं. जीतन राम मांझी भी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के पक्ष में हैं और इसके लिए उन्होनें ‘बड़े साहबों’ के बच्चों को भी सरकारी स्कूल में अनिवार्य रूप से पढ़वाने का सलाह दिया है. मांझी की नजर में के के पाठक शिक्षा के दिशा में अद्वितीय काम कर रहें हैं.
जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर की मांग
बिहार के पूर्व सीएम सह हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया ‘X’ पर एक ट्वीट किया है. जीतन राम मांझी ने अपर मुख्य सचिव के के पाठक के कामों की तारीफ करते हुए लिखा कि ”वैसे तो के के पाठक साहब शिक्षा के दिशा में अद्वितीय काम कर रहें हैं. पर यदि वह एक काम और कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार हो जाएगा.’, इसी ट्वीट में जीतन राम मांझी ने वो सुझाव भी दे दिया जिससे इस सुधार को लाया जा सकता है. उन्होंने आगे लिखा कि “मुख्य सचिव का बच्चा हो या चपरासी का,विधायक का बच्चा हो या मंत्री का,सरकार से वेतन उठाने वालों के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढेगें”. यानी जीतन राम मांझी ने मंत्री-विधायकों समेत तमाम सरकारी सेवकों के बच्चों को सरकारी स्कूल में अनिवार्य रूप से पढ़ाने की मांग की है.
के के पाठक की सख्ती
बता दें कि अपर मुख्य सचिव के के पाठक बेहद सख्त मिजाज के आइएएस अधिकारी हैं. उन्हें जब से शिक्षा विभाग की कमान सौंपी गयी है तबसे वो लगातार शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने में जुटे हुए हैं. केके पाठक ने स्कूलों में शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति को गंभीरता से लिया है. वो लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं और लापरवाह शिक्षकों व पदाधिकारियों के ऊपर कार्रवाई कर रहे हैं. के के पाठक के सख्त एक्शन से शिक्षक संघों की नाराजगी भी सामने आती रही है. वहीं राजभवन से भी उनका टकराव होता रहा है.
वैसे तो के के पाठक साहब शिक्षा के दिशा में अद्वितीय काम कर रहें हैं।
पर यदि वह एक काम और कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार हो जाएगा।
“मुख्य सचिव का बच्चा हो या चपरासी का,विधायक का बच्चा हो या मंत्री का,सरकार से वेतन उठाने वालों के बच्चे सरकारी स्कुल में ही पढेगें।”— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 4, 2024
राजभवन से होता रहा है टकराव
गौरतलब है कि जीतन राम मांझी अभी एनडीए के साथ मिलकर राजनीति में हैं. लेकिन के के पाठक को लेकर उनकी सोच भाजपा नेताओं से अलग है. वहीं राजभवन भी के के पाठक को लेकर कई बार आमने-सामने हुआ है. राज्यपाल के प्रधान सचिव ने पिछले ही महीने शिक्षा विभाग के खिलाफ बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और बिहार के शैक्षणिक माहौल को बर्बाद करने का आरोप शिक्षा विभाग पर लगाया था.
के के पाठक की सख्ती..
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद से के के पाठक लगातार सुर्खियों में रहे हैं. के के पाठक स्कूलों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं. उनके निर्देश पर विभाग ने कई सख्त आदेश जारी किए हैं. स्कूलों में खामियां मिलते ही के के पाठक एक्शन में आते हैं और अबतक कई हेडमास्टरों व शिक्षकों को सस्पेंड कर चुके हैं. कइयों के वेतन भुगतान को रोका जा चुका है. वहीं के के पाठक का शिक्षा मंत्री के साथ विवाद तक हो चुका है. विवाद इतना बढ़ गया कि सीएम नीतीश कुमार को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. वहीं बीपीएससी की परीक्षा को पास करके आए शिक्षकों को के के पाठक लगातार सख्त हिदायत देते नजर आते हैं. के के पाठक सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लगातार एक्शन में दिखते हैं.