जीतनराम मांझी को चाहिए लोकसभा की पांच सीटें, एक सप्ताह में दूसरी बार हुई विजय चौधरी से मुलाकात
राजनीतिक सौदेबाजी के लिए प्रसिद्ध पूर्व मुख्यमंत्री और हम के नेता जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से महागठबंधन को आंख दिखा दी है. उन्होंने आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर महागठबंधन से 5 सीटों की मांग रख दी है. उन्होंने साफ कह दिया है कि हम पांच सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं.
पटना. राजनीतिक सौदेबाजी के लिए प्रसिद्ध पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से महागठबंधन को आंख दिखा दी है. उन्होंने आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर महागठबंधन से 5 सीटों की मांग रख दी है. उन्होंने साफ कह दिया है कि हम पांच सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं. यदि महागठबंधन की तरफ से हमें सम्मानजनक सीट दी जाती है, तो यह अच्छा होगा.
विजय चौधरी से मिलने पहुंचे मांझी
12 जून को प्रस्तावित विपक्षी दलों की बैठक की तैयारी के बीच जीतन राम मांझी शुक्रवार की सुबह वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी से मिलने उनके 5 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत हुई. पिछले दिनों जीतन राम मांझी के आवास पर विजय कुमार चौधरी नजर आये थे. एक सप्ताह के अंदर दोनों नेताओं की यह दूसरी मुलाकात है. नीतीश कुमार के बेहद करीबी विजय चौधरी ने मुलाकात के बाद कहा कि सब ठीक है.
सौदेबाजी के मूड में हैं मांझी
दोनों नेताओं के बीच एक सप्ताह के अंदर हुई इस दूसरी मुलाकात के कई मायने निकले जा रहे है. सूत्रों का कहना है कि जीतन राम मांझी अब सौदेबाजी के मूड में आ गये हैं. यही कारण है कि वो बार-बार अपने बेटे संतोष सुमन की इस मांग पर सहमति जताते हैं कि उनकी पार्टी को कम से कम पांच सीटें तो मिलनी ही चाहिए. अगर इससे कम सीटें मिलती हैं, तो यह पार्टी और गठबंधन दोनों के लिए अच्छा नहीं होगा. पार्टी दूसरे विकल्पों पर विचार करने को स्वतंत्र है.
पांच सीटों पर कर दी दावेदारी
राजनीतिक जानकारों को कहना है कि जीतनराम मांझी को महागठबंधन में कोई फायदा नजर आता नहीं दिख रहा है. नीतीश कुमार के साथ रहने की कसम खानेवाले मांझी अब कसम तोड़ने की बात भी करने लगे हैं. उनके बयानों से साफ लग रहा है कि वो महागठबंधन से दामन छुड़ाने के मूड में हैं. इसीलिए उन्होंने लोकसभा की 5 सीटों पर अपनी दावेदारी ठोक दी है. वैसे भाजपा को लेकर मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि यह सवाल अभी जल्दबाजी का होगा. उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा में जाने से इनकार भी नहीं किया.