jivitputrika vrat 2021: आज माताएं पूरे दिन निर्जला व्रत रख करेंगी संतान की दीर्घायु की कामना, जानें पारण Time

jivitputrika vrat 2021 date in bihar: जितिया व्रत 29 सितंबर यानि आज है. 28 सितंबर को नहाय-खाय से इसकी शुरुआत हो चुकी है. गुरुवार यानी 30 सितंबर को पारण होगा. हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत (जितिया) रखे जाने का विधान है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 29, 2021 8:55 AM

jivitputrika vrat 2021 date in bihar: जितिया व्रत 29 सितंबर यानि आज है. 28 सितंबर को नहाय-खाय से इसकी शुरुआत हो चुकी है. गुरुवार यानी 30 सितंबर को पारण होगा. पंडित विनय कुमार ने बताया कि हिंदू पांचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत (जितिया) रखे जाने का विधान है.

माताएं पूरे दिन निराहार और निर्जला रहती हैं. मालूम हो कि हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा की शुरुआत के साथ विभिन्न पर्व और त्योहारों का मनाया जाना आरंभ हो गया है. इसमें यह एक प्रमुख व्रत है. यह संतान की प्राप्ति और उनके दीर्घायु जीवन के लिए किया जाता है.

पंडित विनय कुमार ने बताया कि स्नान आदि करने के बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराएं. धूप, दीप आदि से आरती करें और इसके बाद भोग लगाएं. इस व्रत में माताएं सप्तमी को खाना और जल ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करती हैं और अष्टमी तिथि को पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. नवमी तिथि को व्रत का समापन किया जाता है. जीवित्पुत्रिका व्रत संतान प्राप्ति और उसकी लंबी आयु की कामना के साथ किया जाता है.

Also Read: Shardiya Navratri 2021 Date: कब है शारदीय नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का समय और किस दिन किस देवी की होगी पूजा
जानें तिथि

  • जीवित्पुत्रिका व्रत: 29 सितंबर बुधवार

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 28 सितंबर को शाम 6 बजकर16 मिनट से

  • अष्टमी तिथि की समाप्ति : 29 सितंबर की रात 8 बजकर 29 मिनट पर

Also Read: जिम ट्रेनर हमला: डॉक्टर दंपती को मिला सुबह में चना व गुड़ और दोपहर में चावल-दाल, रात में नहीं खाए अंडा-करी
व्रत कैसे करे

स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. भगवान जीमूतवाहन की पूजा करें. इसके लिए कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें. इस व्रत में मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है. इनके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है. पूजा समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है. पारण के बाद यथाशक्ति दान और दक्षिणा दें.

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

मोबाइल नंबर- 8080426594-9545290847

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Next Article

Exit mobile version