पटना. देशभर में रोजगार मांगने में बिहार के लोग सबसे आगे हैं. भले उनकी शिक्षा का स्तर बिल्कुल शून्य हो. यही कारण है कि देशभर की तुलना में बिहार में रोजी- रोजगार मांगने वालों में 73 प्रतिशत निरक्षर हैं. यह ऐसे लोग हैं जो कभी भी स्कूल तक नहीं गये है.आंकड़ों के मुताबिक ऐसे लोगों की संख्या पांच लाख से अधिक है. इन आंकड़ों के मुताबिक, बिहार के लोग सबसे पहले रोजगार की तलाश में अपना पूरा समय देते है. जहां भी उन्हें रोजगार मिलने की थोड़ी सी गुंजाइश नजर आती है. वह सबसे पहले अपना निबंधन कराते हैं.
नियोजन सह मार्गदर्शन मेला या जॉब कैंप के माध्यम से सरकार युवाओं को रोजगार देती है, लेकिन इसके लिए युवाओं को नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल पर निबंधन करना होता है. एनसीएस पर दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, बीते 30 अप्रैल तक देश भर में सात लाख 31 हजार ऐसे लोगों ने रोजगार के लिए निबंधन कराया हैं जो कभी भी स्कूल तक नहीं गये. इसमें से 73 फीसदी यानी पांच लाख 37 हजार बेरोजगार बिहार के हैं.
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देशभर में 11वीं पास 67 हजार बेरोजगारों ने निबंधन कराया है. इसमें से बिहार के 3253 लोग हैं, जबकि 12वीं पास 25 लाख 71 हजार 799 बेरोजगारों ने निबंधन कराया है. इसमें से 32 हजार 931 बेरोजगार बिहार के हैं जो कुल का 12.80 फीसदी है. दसवीं के बाद डिप्लोमा करने वाले देश भर में 19 लाख 39 हजार बेरोजगारों ने निबंधन कराया है. इसमें से बिहार के 10 हजार 371 यानी 5.35 फीसदी बिहार के हैं.