बेतिया में सरकारी कर्मियों के नाम पर बना जाॅब कार्ड, अभियंता, आंगनबाड़ी सेविका भी मनरेगा मजदूर
Bihar News: उप विकास आयुक्त अनिल कुमार के निर्देश पर हुई जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया है. डीआरडीए के निदेशक सुजीत वर्णवाल ने अपने जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित किया है कि प्रदीप सिंह जो विदेश में इंजीनियर थे. अभी भारत के किसी दूसरे राज्य में अभियंता के रूप में कार्यरत हैं.
बिहार के बेतिया से बड़ी खबर सामने आ रही है. मनरेगा में अबतक अपने चहेतों का जॉब कार्ड बनाकर मजदूरी हड़पने के मामले आते थे, लेकिन जिले में तो अब सरकारी कर्मियों को भी मनरेगा मजदूर बना दिया जा रहा है. इसका खुलासा जिले के नौतन प्रखंड के दक्षिणी तेल्हुआ पंचायत में हुआ है. उप विकास आयुक्त अनिल कुमार के निर्देश पर हुई जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया है. डीआरडीए के निदेशक सुजीत वर्णवाल ने अपने जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित किया है कि प्रदीप सिंह जो विदेश में इंजीनियर थे.
अभी भारत के किसी दूसरे राज्य में अभियंता के रूप में कार्यरत हैं, लेकिन उनके नाम पर जाॅब कार्ड बनाया गया है और योजना में इन्हें 21 दिन तक दो अलग अलग योजनाओं में कार्य करने का दिखाया गया है. वहीं जॉब कार्ड धारी तीजा देवी सरकारी विद्यालय में रसोईया हैं, लेकिन उन्हें भी 58 दिन तक कार्य करने की बात दर्शायी गयी है. इसी प्रकार झुनी देवी ने कभी काम भी नहीं किया, लेकिन उसके नाम पर 27 दिन की मजदूरी का 5514 रुपये का भुगतान दिखाया गया है. वहीं आंगनबाड़ी सेविका रंभा देवी के नाम पर भी जाॅब कार्ड बनाकर आठ दिन के मजदूरी हुई है. निदेशक ने जांच में अन्य कई अनियमितता का खुलासा किया है. उप विकास आयुक्त को रिपोर्ट सौप दी है.
मजदूरी का भी किया भुगतान, जांच में सामने आया मामला
मामले में नौतन के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी, कनीय अभियंता मनरेगा, लेखपाल, पंचायत तकनीकी सहायक, पंचायत रोजगार सेवक, तत्कालीन मुखिया एवं वर्तमान मुखिया से स्पष्टीकरण की मांग की है. मामले में राशि वसूली के लिए अग्रेतर कार्रवाई भी की जा रही है. साथ हीं साथ स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाये जाने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. -अनिल कुमार, उप विकास आयु
शिकायत मिलने पर करायी गयी जांच
मामले में नौतन प्रखंड के दक्षिणी तेल्हुआ पंचायत निवासी कृष्ण कुमार सिंह ने इसकी शिकायत की थी. कृष्ण कुमार सिंह ने शिकायत पत्र देते हुए आरोप लगाया कि दक्षिणी तेल्हुआ पंचायत में वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा के तहत सरकारी नौकरी एवं मृत व्यक्ति के नाम पर अवैध रूप से राशि का उठाव कर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया.