बिहार में रोजगार सृजन और उद्यमिता को लगा झटका, PMEGP के तहत एक चौथाई आवेदनों को ही बैंक से मिली मंजूरी

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) के तहत पिछले तीनों वित्तीय वर्षों में 67277 आवेदन आये हैं. इसमें से केवल 9177 आवेदकों को ही इस योजना का लाभ मिल सका. साफ जाहिर है कि बैंकों ने स्वीकृति के मामले में सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 7, 2023 1:55 AM

राजदेव पांडेय,पटना. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) के जरिये बिहार में समुचित रोजगार सृजन नहीं हो पा रहा है. पिछले तीन सालों में जितने प्रोजेक्ट्स में मार्जिन मनी क्लेम की गयी, उतने में भी मार्जिन मनी का भुगतान नहीं हो सका. पिछले तीन वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में कुल 11417 एमइजीपी प्रोजेक्ट में मार्जिन मनी क्लेम की गयी. इसमें से केवल 9177 प्रोजेक्ट में ही मार्जिन मनी का भुगतान किया जा सका. इधर हालात यह हैं कि सकारात्मक रुख के अभाव में पिछले तीन सालों बैंको को भेजे गये 51973 आवेदनों में से केवल 14057 आवेदन ही स्वीकृत हो सके.

मार्जिन मनी हासिल नहीं हो सकी

इन तीनों वित्तीय वर्षों में एक भी साल क्लेम के अनुसार मार्जिन मनी हासिल नहीं हो सकी है. उदाहरण के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2382 परियोजना आवेदकों ने मार्जिन मनी क्लेम की. इस साल मिली केवल 2186 आवेदकों को. इसके बाद अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2680 परियोजनाओं में क्लेम मार्जिन मनी के विरुद्ध केवल 2473 परियोजनाओं में मार्जिन मनी दी गयी. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6355 आवेदकों ने मार्जिन मनी क्लेम की. इसमें से केवल 4458 परियोजनाओं में मार्जिन मनी दी जा सकी. मार्जिन मनी बैंकों को दी जाती है. दरअसल यह सब्सिडी होती है, जिसे सरकार परियोजना धारकों के नाम पर बैंकों को देता है. परियोजना आवेदकों को मार्जिन मनी के बराबर राशि बैंकों को नहीं दी जाती है.

कोरोना के बाद पीएमइजीपी में आवेदकों में आया जबरदस्त उछाल

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में आवेदकों की संख्या अक्सर लक्ष्य के आसपास हुआ करती थी. अब यह लक्ष्य से कई गुना अधिक हो गयी है. हालांकि लक्ष्य आवेदन की तुलना में कई गुना अधिक आ रहे हैं. फिलहाल पिछले तीनों वित्तीय वर्षों में 67277 आवेदन आये हैं. इसमें से केवल 9177 आवेदकों को ही इस योजना का लाभ मिल सका. साफ जाहिर है कि बैंकों ने स्वीकृति के मामले में सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया. सूत्र बताते हैं कि पीएमइजीपी में अब तक के सर्वाधिक 30229 आवेदन पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में आये. कोरोना के ठीक बाद 2020-21 में आवेदकों की संख्या 20 हजार पार कर गयी है.

Also Read: बिहार में बाढ़ पीड़ितों को मदद के रूप में मिलेंगे 1000 रुपये, शिविर में बच्चे के जन्म पर मिलेंगे इतने पैसे
बैंकों द्वारा स्वीकृति देने की दर भी कम, इसकी कुछ अहम वजह यह बतायी गयी

  • सिविल स्कोर खराब

  • प्रोजेक्ट स्पष्ट नहीं

  • प्रोजेक्ट की सफलता में संदेह

  • क्षेत्र विशेष में उपयोगिता नहीं

  • बैंक गारंटी की अप्रत्यक्ष तौर पर मांग भी सबसे बड़ी वजह है.

पिछले तीन साल में पीएमइजीपी से जुड़े विशेष तथ्य

  • कुल आवेदन आये- 67277

  • बैंक भेजे गये- 51973

  • स्वीकृत परियोजना- 14057

  • मार्जिन मनी क्लेम की गयी- 11417

  • मार्जिन मनी का भुगतान- 9117

  • नोट: यह सभी आंकड़े उद्योग विभाग से आधिकारिक तौर पर लिये गये हैं.

पीएमइजीपी योजना 

  • इस योजना में सर्विस सेक्टर में 25 लाख और मैन्युफैक्चरिंग में 50 लाख लोन दिया जाता है.

  • इस योजना में 15 से 35 फीसदी सब्सिडी दी जाती है.

Next Article

Exit mobile version