बिहार में अब नहीं मिलेगी ये नौकरी, सरकार में खत्म कर दिये 13 विभागों के डेढ़ दर्जन से अधिक पद
जिन पदों को समाप्त किया गया है वे सभी 13 विभागों से संबंधित पद हैं और इसमें से अधिकतर पद अव्यावहारिक हो गए थे. हालांकि पद समाप्त करने के लिए किये गये फैसले के डेढ़ साल बाद संकल्प जारी किया गया है.
पटना. बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अंचल निरीक्षक, बिहार सचिवालय सेवा के उप सचिव समेत डेढ़ दर्जन से अधिक पद समाप्त करने का संकल्प जारी कर दिया है. 16 सितंबर 2021 को ही पद समाप्त करने का फैसला बिहार सरकार ने लिया था. जिन पदों को समाप्त किया गया है वे सभी 13 विभागों से संबंधित पद हैं और इसमें से अधिकतर पद अव्यावहारिक हो गए थे. हालांकि पद समाप्त करने के लिए किये गये फैसले के डेढ़ साल बाद संकल्प जारी किया गया है. विभाग ने सरकार के संकल्प 2015 का उल्लेख करते हुए लिखा है पहले पद समाप्त करने का प्रावधान नहीं था, लेकिन कैबिनेट ने इसके समाप्ति करने की अनुशंसा की है.
जिन विभागों के पद समाप्त हुए
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 13 विभागों के डेढ़ दर्जन से अधिक पदों को समाप्त करने का जो संकल्प जारी किया है उसमें अंचल निरीक्षक, विजिलेंस उपाधीक्षक, बिहार सचिवालय सेवा के उप सचिव के पद शामिल हैं. इसके अलावा जिन विभागों में पद समाप्त किए गए हैं उनमें लघु जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय के उप निदेशक, पीएचईडी के सहायक अभियंता और वरीय एवं कनीय लेखा लिपिक, खान एवं भूतत्व विभाग के सहायक और उपनिदेशक, ग्रामीण कार्य विभाग संवर्ग के संयुक्त सचिव और विशेष कार्य पदाधिकारी, उद्योग विभाग के अर्थ अन्वेषक.
नहीं होगी अब इन पदों पर नियुक्ति
प्रधान लिपिक और अग्र परियोजना पदाधिकारी, जल संसाधन विभाग के सोन कमांड विकास एजेंसी के लिए अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता मुख्य अभियंता, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में पुलिस उपाधीक्षक, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अंचल निरीक्षक और पर्यवेक्षण अधिकारी, योजना एवं विकास विभाग के अवर योजना पदाधिकारी, वाणिज्य कर विभाग के राज्य कर उपायुक्त, संयुक्त आयुक्त अपर आयुक्त और विशेष आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग के ग्रेड ए नर्स के पद भी समाप्त कर दिए गए हैं. बिहार सरकार की ओर से अब इन पदों पर नियुक्ति नहीं होगी. ऐसे तो लंबे समय से इन पदों पर नियुक्ति नहीं हो रही थी. संविदा के आधार पर ही काम चलाया जा रहा था. समान प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कार्यप्रणाली और कार्यालय के आंतरिक पद को व्यावहारिक बनाने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है.