पटना. गृह विभाग ने राज्य के सिपाही से लेकर डीएसपी स्तर के पुलिसकर्मियों की क्षमता बढ़ाने को लेकर वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार करने का फैसला लिया है. इसके लिए बिहार पुलिस मुख्यालय को ट्रेनिंग कैलेंडर का कंबाइंड बुकलेट तैयार करने और 31 मार्च तक ट्रेनिंग रोड मैप तैयार कर विभाग को उससे अवगत कराने का निर्देश दिया गया है. ट्रेनिंग रोड मैप तैयार करने की जिम्मेदारी डीजी ट्रेनिंग, बिहार पुलिस अकादमी के निदेशक और एडीजी ट्रेनिंग को दी गयी है.
गृह विभाग ने राज्य सरकार के अंतर्गत कार्यरत पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों के बेसिक ट्रेनिंग के लिए क्षेत्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की क्षमता बढ़ाने को लेकर पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव मांगा है. इसके साथ सिमुलतला में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर परिसर बनाने को लेकर बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग को प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश दिया है. डीएसपी स्तर के पुलिस अफसरों को रिफ्रेशर ट्रेनिंग के लिए आवश्यकतानुसार बिपार्ड, आइआइएम, सीएलएनयू से समन्वय स्थापित करते हुए एमओयू करने का निर्देश दिया गया. विभाग ने पुलिस मुख्यालय से कहा है कि यदि वर्तमान में कार्यरत पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में यदि आधारभूत संरचनाओं का अभाव है तो इसके लिए प्रस्ताव समर्पित करें.
गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को विशेषज्ञ यूनिटों जैसे इओयू, एटीएस, एसटीएफ, मद्य निषेध, सीआइडी और वायरलेस कर्मियों के लिए अलग से ऑनलाइन ट्रेनिंग कोर्स का प्रावधान करने की बात कही है. इनमें बेहतर करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को पुरस्कार देने का सुझाव भी दिया है. बॉर्डर एरिया में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की मदद से बॉर्डर मैनेजमेंट ट्रेनिंग दिलाने का प्रस्ताव है. साइबर की ऑनलाइन ट्रेनिंग को लेकर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा संचालित सीवाइ-टीआरएआइएन के कोर्सेस की मदद लेने का निर्देश दिया गया है.
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गृह विभाग ने एडीजी (कमजोर वर्ग) को पुलिसकर्मियों को पॉक्सो, जेजे व एससी-एसटी एक्ट के संबंध में प्रशिक्षित करने को लेकर हर जिले में ट्रेनिंग की व्यवस्था करते हुए नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया है. इसके लिए ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) मॉडल तैयार किया जायेगा, जिसमें जिला अभियोग पदाधिकारी, न्यायाधीश व पुलिस पदाधिकारी शामिल होंगे. इसके सही क्रियान्वयन को लेकर डीएम-एसपी से समन्वय बनाना होगा.