बेगूसराय में जिस जज ने जारी किया गैर जमानती वॉरंट, आरोपित ने उसे ही दे डाली जान से मारने की धमकी
एक जज ने आपराधिक मामले की सुनवाई करते एक आरोपित के खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी किया. जज की इस कार्रवाई से गुस्साये आरोपित ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को ही जान मारने की धमकी दे डाली है.
बेगूसराय. बेगूसराय में इन दिनों अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. उन्हें न पुलिस का डर है न अदालतों का खौफ. यहां न्यायपालिका तक अब बदमाशों के निशाने पर है. ताजा मामला जिला सत्र न्यायालय का है. यहां एक जज ने आपराधिक मामले की सुनवाई करते एक आरोपित के खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी किया. जज की इस कार्रवाई से गुस्साये आरोपित ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को ही जान मारने की धमकी दे डाली है.
अधिकारी से वकील तक हैरान
इस बात की जानकारी सामने आते ही जिले के न्यायिक और प्रशासनिक हलके में सनसनी फ़ैल गई. अधिकारियों से लेकर वकील तक हैरान और परेशान दिख रहे हैं. बताया जाता है कि धमकी बंद लिफाफे में डाक घर से भेजी गयी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए व्यवहार न्यायालय के जीआर कलर्क नागेश मोहन सिन्हा ने एसपी योगेन्द्र कुमार को इसकी सूचना दे दी है. इस मामले में धमकी देनेवाले आरोपित शालिग्राम कनौजिया केयर ऑफ रामाशीष दास के खिलाफ़ नगर थाने में लिखित सूचना देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया गया है.
थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन
आवेदन में बताया गया है कि बीते 22 नवंबर को डाक विभाग के माध्यम से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें आरोपित द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को गैर ज़मानती वारंट जारी करने पर जान मारने की धमकी दी गई है. आवेदन में बताया गया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाये. इस घटना को लेकर न्यायिक अधिकारी स्तब्ध हैं.
वकीलों ने की एसपी से अपील
लोक अभियोजक मो सैयद मंसूर आलम ने बताया कि इस बात की जानकारी उन्हें मिली है. उन्होंने सारे प्रोस्क्यूटर की ओर से इस घृणित कार्य की घोर निन्दा की है. अभियोजक ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए बताया कि इस तरह का मामला कभी भी नहीं देखा था. उन्होंने एसपी से अपेक्षा की है कि जांच कर सभी साक्ष्य संग्रह कर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करें, ताकि अभियोजक खुद को सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से काम का निष्पादन कर सके.