पटना. पीएमसीएच, एनएमसीएच समेत राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को आठवें दिन भी जारी रही.
बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों और जूनियर डॉक्टरों के बीच कोई वार्ता नहीं हो पायी.
हालांकि, देर शाम जेडीए के प्रेसिडेंट ने मीडिया को बताया कि स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद हमारा प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से मिलने जायेगा.
तब तक हड़ताल जारी रहेगी. माना जा रहा है कि गुरुवार होने वाली वार्ता के बाद कोई समाधान निकल सकता है.
उधर पीएमसीएच के अधीक्षक व आइएमए बिहार के अध्यक्ष डॉ बीके कारक ने कहा कि सरकार जूनियर डॉक्टरों पर जो भी कार्रवाई करेगी, हम उसे मानेंगे. प्राचार्य द्वारा भी अगर सख्त कार्रवाई की जाती है, तो उसे भी मेरा समर्थन रहेगा.
आठ दिनों से जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था चरमरा गयी है.
इन मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने से हर रोज बड़ी संख्या में मरीज निराश होकर निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं.
पीएमसीएच का हाल यह है कि इसकी इमरजेंसी में जरूरत से काफी कम डॉक्टर हैं. ओपीडी में मरीजों की लंबी लाइनें लग रही हैं.
वार्डों में भर्ती मरीजों के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि डॉक्टर ढूंढ़ने से भी नहीं मिल रहे और उनके मरीज का इलाज बाधित हो रहा है.
कई मरीजों की मौत समय पर बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण हो चुकी है. कुछ ऐसी ही स्थिति राज्य के कई दूसरे मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों की है.
इधर हड़ताल के आठवें दिन पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने कैंपस में धरना दिया. पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा कि हमारी हड़ताल जारी है और हम सभी एकजुट हैं.
हमारी एक ही मांग है कि सरकार हमारे स्टाइपेंड को बढ़ाये. पूर्व के समझौते के मुताबिक हर तीन वर्ष में इसे बढ़ाना था. जनवरी, 2020 से ही इसे बढ़ना था, लेकिन यह अब तक नहीं बढ़ सका है.
Posted by Ashish Jha