पटना. हड़ताल पर जानेवाले राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर व इंटर्न मंगलवार से काम पर लौटने लगे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने बताया कि हड़ताली जूनियर डॉक्टर और इंटर्न काम पर लौट रहे हैं.
सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से हड़ताल का अपडेट मांगा गया है. इसके बाद ही पता चलेगा कि किस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कितने जूनियर डॉक्टर अब तक ड्यूटी पर नहीं लौटे हैं.
इधर पीएमसीएच के अधीक्षक सह बिहार आइएमए के अध्यक्ष डाॅ विमल कारक ने कहा कि बुधवार से हड़ताली जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई की जायेगी. सरकार के हर आदेश के अनुसार काम किया जायेगा. अधीक्षक के रूप में वह हर कदम उठायेंगे, जो आवश्यक होगा.
वहीं, आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष के नाते उनका कहना था कि राष्ट्रीय व प्रदेश आइएमए ने इस हड़ताल से हाथ खींच लिया है. अब आइएमए वर्तमान और भविष्य में जूनियर डॉक्टरों के किसी भी आंदोलन का समर्थन नहीं करेगा.
डॉ कारक ने बताया कि हड़ताल समाप्त कराने के लिए वह खुद प्रतिनिधिमंडल के साथ मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के पास गये थे. वहां पर जूनियर डॉक्टरों की बात स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से भी करायी गयी.
उन्होंने बताया कि मंत्री से मिलने गये जूनियर डॉक्टरों ने सरकार को आश्वासन दिया कि वे काम पर लौट रहे हैं. लेकिन, कॉलेज आने के बाद वे दूसरे मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों के दबाव पर काम पर नहीं लौटे.
अधीक्षक ने बताया कि कई जूनियर डॉक्टरों ने मुझे बताया है कि वे हड़ताल पर नहीं हैं. ऐसे जूनियर डॉक्टरों को कहा गया कि वे अपनी उपस्थिति अपने विभागाध्यक्ष के माध्यम से प्राचार्य कार्यालय को उपलब्ध कराएं.
इसके बाद उन्हें उपस्थित माना जायेगा. दूसरी ओर हड़ताल को लेकर जूनियर डॉक्टरों का एसोसिएशन दो गुटों में बटने लगा. विभाग ने दावा किया है कि हडताली डॉक्टरों का एक समूह स्वास्थ्य विभाग के अनुरोध पर काम पर लौट आया है.
इधर, कुम्हरार के एक स्कूल में आयोजित एक समारोह में आये स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जूनियर डॉक्टरों से अपील की कि वे हड़ताल समाप्त कर दें, तभी सरकार उनकी बेहतरी के लिए काम करेगी.
मंत्री ने कहा कि प्रदेश के गरीब मरीजों के हित के लिए जूनियर डॉक्टरों को हड़ताल तोड़ देना चाहिए. सरकार उनकी बेहतरी के लिए कार्य कर रही है.
Posted by Ashish Jha