पटना. राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में नौ दिनों से चली आ रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को टूट गयी.
इसके बाद रात 10 बजे से वे काम पर लौट आये हैं. गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के साथ बिहार जूनियर डॉक्टर एसोसिएश के प्रतिनिधियों की लगभग डेढ़ घंटे तक वार्ता हुई, जिसमें प्रधान सचिव ने उनका स्टाइपेंड बढ़ाने का भरोसा दिलाया.
इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने काम पर वापस लौटने का फैसला किया. शाम करीब पांच बजे शुरू हुई वार्ता में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के चार प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
इनमें जेडीए बिहार के सचिव डॉ कुंदन सुमन, जेडीए पीएमसीएच के अध्यक्ष डॉ हरेंद्र कुमार, एनएमसीएच से जेडीए बिहार के सचिव डॉ कुशाग्र और जेडीए संयोजक डॉ अभिषेक कुमार शामिल हुए.
वार्ता के बाद डॉ कुंदन सुमन ने बताया कि प्रधान सचिव से सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई. उन्होंने हमारी स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को मानते हुए इस पर जल्द निर्णय लेने का भरोसा दिलाया है.
उन्होंने आश्वस्त किया है कि जूनियर डॉक्टरों का स्टाइपेंड सरकार के पूर्व में लिये गये संकल्प के मुताबिक बढ़ाया जायेगा. हमें भरोसा है कि अब एक जनवरी, 2020 से हमें बढ़ा हुआ स्टाइपेंड मिलेगा.
डॉ कुंदन सुमन ने कहा कि हमने प्रधान सचिव से मिले आश्वासन के बाद गुरुवार रात दस बजे से अपनी ड्यूटी पर लौटने का फैसला किया है.
प्रधान सचिव से वार्ता सफल होने के बाद जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से भी शाम 6:30 बजे मिला.
मंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि प्रधान सचिव से हुई वार्ता में स्टाइपेंड बढ़ाने को लेकर जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है, उन्हें वे लागू करवायेंगे.
Posted by Ashish Jha