प्रगति यात्रा के क्रम में बीते एक फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सबौर प्रखंड के बरारी पंचायत स्थित बहादुरपुर गांव में कई योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया था. मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया था. मंगलवार को प्रभात खबर पड़ताल में पता चला कि जीविका भवन व पंचायत सरकार भवन के शिलान्यास के बाद अब तक काम शुरू नहीं हुआ है. जबकि जिन योजनाओं का उद्घाटन किया गया, वह 10 दिन के बाद ही टूटकर बिखरने लगे है.
निर्माण में गुणवत्ता का नहीं रखा गय ध्यान
पार्क व तालाब के किनारे पेवर ब्लॉक को मजबूती से नहीं बिछाया गया. चलने पर पेवर ब्लॉक धंसते हैं. कई जगह पर यह धंस भी गया है. तालाब के दक्षिणी छोर पर बनी सीढ़ी का किनारा दरकने लगा है. इसके निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है. वहीं तालाब के किनारे लगे कई पौधे सूख रहे हैं. जबकि कुछ गेवियन भी क्षतिग्रस्त हो गया है. तालाब का पानी गंदा हो रहा है. इसके सतह पर जलकुंभियां उग रही है. वहीं तालाब के किनारे विसर्जित मूर्तियों के अवशेष बिखरे हुए हैं.
पुस्तकालय के दरवाजे पर लटका ताला
प्रभात खबर पड़ताल के दौरान स्थानीय लोगों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बहादुरपुर उच्च विद्यालय मैदान व जल जीवन हरियाली अभियान से तालाब के जीर्णोद्धार कार्य का अवलोकन किया था. उस दिन यहां की स्थिति काफी ठीक लग रही थी. लेकिन तीन चार दिन बीतने के बाद ही यहां की स्थिति बदरंग होने लगी. बता दें कि सीएम ने जीर्णोद्धार किये गये उच्च विद्यालय बहादुरपुर समेत आंगनबाड़ी केंद्र व जीविका पुस्तकालय काे देखा था. मंगलवार दोपहर में पुस्तकालय के दरवाजे पर ताला लटका हुआ था. आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर लगे फूल के पौधे गायब थे. बहादुरपुर में मनरेगा के तहत खेल मैदान में 77 लाख की लागत से बनने वाले रनिंग ट्रैक की नींव रखी थी. मुख्यमंत्री ने 9.2 लाख की लागत से तैयार हाे रहे खेल मैदान के कार्यों का भी शिलान्यास किया था. यहां टेनिस, बैडमिंटन, वॉलीबॉल समेत अन्य खेल के संसाधन विकसित किये गये हैं. इनका बेहतर तरीके से मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा.