घोटाले में फंसे पूर्णिया के CS, रिटायर्ड होने से ठीक पहले पत्नी व बेटे को दे दिया दवा, एम्बुलेंस का टेंडर
सरकार के अधिकारियों द्वारा अपने सगे संबंधियों को सरकारी टेंडर जारी करने और पैसे के भुगतान का अनोखा मामला सामने आया है. पूर्णिया के सिविल सर्जन रहे डाॅ एसके वर्मा ने रिटायर होने के पहले दवा, मोटरसाइकिल और एंबुलेंस की खरीद का टेंडर अपनी पत्नी और बेटे को आवंटित कर दिया.
पटना. सरकार के अधिकारियों द्वारा अपने सगे संबंधियों को सरकारी टेंडर जारी करने और पैसे के भुगतान का अनोखा मामला सामने आया है. पूर्णिया के सिविल सर्जन रहे डाॅ एसके वर्मा ने रिटायर होने के पहले दवा, मोटरसाइकिल और एंबुलेंस की खरीद का टेंडर अपनी पत्नी और बेटे को आवंटित कर दिया. इस आधार पर खरीद हुई और पैसे का भुगतान भी कर दिया गया.
डाॅ वर्मा दो माह पूर्व 30 सितंबर को रिटायर हो गये
डाॅ वर्मा दो माह पूर्व 30 सितंबर को रिटायर हो गये हैं. उनके रिटायरमेंट के नौ दिन पूर्व यह मामला जांच में सामने आया. पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त गोरखनाथ की िसफारिश पर स्वास्थ्य विभाग ने टीम गठित किया है, जो पूर्णिया जाकर स्थलीय निरीक्षण करेगी. यह मामला तब उजागर हुआ जब 21 सितंबर को पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त गोरखनाथ ने सिविल सर्जन कार्यालय का औचक निरीक्षण किया.
औचक निरीक्षण के दौरान मामले का हुआ खुलासा
औचक निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आयी कि तत्कालीन सिविल सर्जन डाॅ वर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुद द्वारा जारी सभी टेंडर को सगे संबंधियों जिनमें पुत्र व पत्नी भी हैं, को आवंटित कर सामग्री खरीद की है. प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर पूर्णिया के डीएम ने अपर समाहर्ता को जांच के आदेश दिये. जांच में स्थानीय एसडीओ को भी शामिल किया. जांच रिपोर्ट में सभी आरोप सही पाये गये. इसी रिपोर्ट के आधार पर वहां के डीएम ने आयुक्त को पूरी जानकारी उपलब्ध करायी.
पूर्णिया जिले में स्वास्थ्य सेवा में टेंडर की बंदरबांट
प्रमंडलीय आयुक्त ने जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग भेजा और अब विभाग ने निदेशक प्रमुख (रोग नियंत्रण), स्वास्थ्य सेवाएं और क्षेत्रीय उप निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, पूर्णिया को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है. पूर्णिया जिले में स्वास्थ्य सेवा में टेंडर की बंदरबांट और इसका लाभ अपने संबंधियों को दिये जाने को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को जांच टीम गठित कर जांच कराने की अनुशंसा की है.