बिहार का यह फोर लेन और सिक्स लेन पुल दो साल के अंदर हो जाएगा तैयार, जानिए कब से दौड़ने लगेंगे वाहन…
बिहार में गंगा पर बन रहे कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल का काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा. जबकि ताजपुर-बख्तियारपुर फोरलेन पुल अगले दो साल के अंदर बन जाएगा.
बिहार में गंगा नदी पर ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्स्ट्रा डोज्ड केबल कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल का जून 2025 और ताजपुर-बख्तियारपुर फोरलेन पुल का मार्च 2026 तक निर्माण पूरा होने की संभावना है. इन पुल पर काम चल रहा है. पहले कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल दिसंबर 2024 तक पूरा करने की समय-सीमा तय की गयी थी, लेकिन बचे काम के कारण इसमें फिर से देरी होगी. हालांकि इन दोनों पुलों का निर्माण करीब 10 साल विलंब से पूरा होने की नयी समय-सीमा के कारण इन दोनों पुलों की लागत में भी बढ़ोतरी हो गयी. इन दोनों पुलों के बनने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच बेहतर कनेक्टिविटी हो सकेगी.
कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्सलेन पुल निर्माण
सूत्रों के अनुसार कच्ची दरगाह बिदुपुर सिक्सलेन पुल का निर्माण 2011 में शुरू होना था, लेकिन इसका निर्माण 2016 में शुरू हुआ. पब्लिक-प्राइवेट- पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल के तहत शुरू इस परियोजना को साल 2020 में ही पूरा कर लेना था, लेकिन पहले जमीन अधिग्रहण और फिर एजेंसी की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण परियोजना तय समय पर पूरी नहीं हो सकी. करीब 4988 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना में मुख्य पुल की लंबाई करीब 9.76 किमी और एप्रोच सहित कुल लंबाई करीब 22.76 किमी होगी.
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67 पायों पर केबल के सहारे होगा पुल
यह पुल 67 पायों पर केबल के सहारे होगा. इसमें दो पायों के बीच की 160 मीटर की दूरी के बीच का स्ट्रक्चर केबल पर लटका होगा. माॅनसून और बाढ़ के दौरान गंगा के अधिकतम जल स्तर से 12 से 13 मीटर के करीब ऊंचाई होगी. इस परियोजना की निर्माण एजेंसी की आर्थिक हालत खराब हो गयी थी. उसे बैंक ने आर्थिक मदद करने से मना कर दिया था. बाद में इस परियोजना को पथ निर्माण विभाग की रिवाइवल नीति के तहत पूरा करने का निर्णय लिया गया.
ताजपुर-बख्तियारपुर फोरलेन पुल कब तक तैयार हो जाएगा?
ताजपुर-बख्तियारपुर फोरलेन पुल का मार्च 2026 तक निर्माण पूरा होने की संभावना है.बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पुल का निर्माण 2011 में करीब 1602.74 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ था. पब्लिकप्राइवेट-पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल के तहत शुरू इस परियोजना को 2016 में ही पूरा कर लेना था, लेकिन पहले जमीन अधिग्रहण और फिर एजेंसी की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण परियोजना तय समय पर पूरी नहीं हो सकी. अब इसकी अनुमानित लागत बढ़ कर करीब 2875 करोड़ रुपये हो गयी है. इस परियोजना में बनने वाले पुल की लंबाई करीब 5.5 किमी और एप्रोच की लंबाई करीब 45.39 किमी होगी.